नई दिल्ली : भारत ने टेलीकॉम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक और बड़ी छलांग लगाई है। भारत अब 6G पेटेंट फाइलिंग में दुनिया के शीर्ष 6 देशों में शामिल हो गया है। यह जानकारी केंद्रीय संचार राज्य मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी ने ‘भारत 6G 2025’ सम्मेलन के दौरान दी। इस उपलब्धि के साथ भारत ने अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ जैसे देशों के साथ अपनी जगह बनाई है।
भारत सरकार ने 6G तकनीक के विकास के लिए 111 से अधिक रिसर्च प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिनके लिए 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग की गई है। 6G तकनीक के तहत डेटा स्पीड 1 टेराबिट प्रति सेकंड तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 5G की तुलना में 100 गुना तेज होगी। यह तकनीक टेराहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड का उपयोग करेगी और 2035 तक विभिन्न उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2023 में ‘भारत 6G विजन’ दस्तावेज जारी किया था, जिसमें भारत को टेलीकॉम टेक्नोलॉजी का एक प्रमुख निर्यातक बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इस दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार ने भारत 6G मिशन के तहत एक अपेक्स काउंसिल और भारत 6G अलायंस (B6GA) का गठन किया है, जो उद्योग, शोधकर्ताओं और शैक्षणिक संस्थानों के बीच समन्वय को बढ़ावा देगा।
मंत्री पेम्मासानी ने कहा, “भारत के पास प्रतिभा का विशाल भंडार है और हमारे पास 6G तकनीक में अग्रणी बनने का पूरा समय है। यह तकनीक न केवल भारत में डिजिटल क्रांति को बढ़ावा देगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी 1 ट्रिलियन डॉलर का आर्थिक प्रभाव डालेगी।”
भारत 6G मिशन के तहत सरकार ने 2030 तक भारत को 6G टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा है। यह कदम भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ वैश्विक टेलीकॉम बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।