नई दिल्ली : भारत पाकिस्तान को एक बार फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में डालने की पूरी कोशिश कर रहा है। इंडिया टीवी न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान के खिलाफ यह कदम आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दों पर उठाया जा रहा है, जिससे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सहायता और ऋण प्राप्त करने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
पाकिस्तान 2018 से 2022 तक FATF की ग्रे लिस्ट में था, लेकिन 2022 में उसे इस सूची से हटाया गया था, क्योंकि उसने एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) और काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग (CTF) के क्षेत्र में सुधार किए थे। हालांकि, हालिया घटनाक्रमों और क्षेत्रीय तनावों के बीच, भारत पाकिस्तान को फिर से इस सूची में शामिल करने के लिए दबाव डाल रहा है।
“ऑपरेशन सिंदूर” का भी उल्लेख है, जो 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित एक मॉक ड्रिल थी। इस अभ्यास का उद्देश्य युद्धकालीन परिचालन प्रक्रियाओं की जांच करना था, जो क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की तैयारियों को दर्शाता है।
बता दें पाकिस्तान की ग्रे लिस्ट में वापसी से न केवल उसकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर भी इसका दूरगामी प्रभाव हो सकता है। भारत का यह कदम पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के अपने प्रयासों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।