नई दिल्ली : म्यांमार और थाईलैंड में 28 मार्च 2025 को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने त्वरित मानवीय सहायता के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया। इस अभियान के तहत भारतीय वायुसेना और नौसेना ने म्यांमार के लिए राहत सामग्री भेजी। रविवार को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 121वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की सराहना की और इसे भारत की वैश्विक मित्रता और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया।
‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ की मुख्य बातें
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के बाद म्यांमार में मरने वालों की संख्या 1,644 तक पहुंच गई थी। भारत ने तुरंत ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया, जिसके तहत भारतीय नौसेना के जहाज INS सतपुरा और INS सावित्री 40 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पोर्ट के लिए रवाना हुए। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना के C-130J सैन्य परिवहन विमान ने 15 टन राहत सामग्री यांगून पहुंचाई, जिसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाद्य पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएं शामिल थीं।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 80 सदस्यीय टीम भी म्यांमार भेजी गई, जो मजबूत कंक्रीट कटर, ड्रिल मशीन और हथौड़ों जैसे बचाव उपकरणों से लैस थी। NDRF के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (ऑपरेशंस) मोहसिन शाहेदी ने बताया कि मांडले में अगले 24-48 घंटे बचाव कार्यों के लिए महत्वपूर्ण थे। भारत की यह टीम म्यांमार की राजधानी ने प्यी ताव में सबसे पहले पहुंचने वाली विदेशी बचाव टीम बनी।
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में कहा, “आपने पिछले महीने म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप की भयावह तस्वीरें देखी होंगी। भारत ने म्यांमार के लोगों के लिए तुरंत ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ लॉन्च किया। इस अभियान में भाग लेने वाले सभी लोगों पर हमें बेहद गर्व है।” उन्होंने भारत की सांस्कृतिक परंपरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का उल्लेख करते हुए कहा कि संकट के समय में भारत की त्वरित प्रतिक्रिया और मानवता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता अब उसकी पहचान बन रही है।
भारत की वैश्विक भूमिका
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारतीय दूतावास ने म्यांमार के स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर राहत सामग्री की त्वरित डिलीवरी सुनिश्चित की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस अभियान की जानकारी साझा करते हुए कहा, “हम म्यांमार के अधिकारियों के साथ मिलकर सहायता और राहत सामग्री की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित कर रहे हैं।”
भारत ने पहले भी तुर्की और सीरिया में ‘ऑपरेशन दोस्त’ जैसे राहत अभियानों के जरिए अपनी वैश्विक जिम्मेदारी का परिचय दिया है।