नई दिल्ली : भारत का रक्षा क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित होकर अभूतपूर्व रूप से मजबूत हो रहा है। रक्षा मंत्रालय के कार्यालय ने एक ट्वीट में जानकारी दी कि भारत के रक्षा निर्यात में पिछले एक दशक में 34 गुना की वृद्धि हुई है। 2013-14 में जहां रक्षा निर्यात मात्र ₹686 करोड़ था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर ₹23,622 करोड़ तक पहुंच गया है।
इस आंकड़े के अनुसार, भारत अब 80 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है, जिसमें अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया जैसे देश शामिल हैं। सरकार ने 2029 तक रक्षा निर्यात को ₹50,000 करोड़ तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस वृद्धि में निजी क्षेत्र और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSUs) का बड़ा योगदान रहा है। 2024-25 में निजी क्षेत्र ने ₹15,233 करोड़ और DPSUs ने ₹8,389 करोड़ का निर्यात किया, जिसमें DPSUs के निर्यात में 42.85% की वृद्धि दर्ज की गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि रक्षा बजट में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2013-14 में ₹2.53 लाख करोड़ से बढ़कर 2025-26 में ₹6.81 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इस दौरान रक्षा उत्पादन में स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई रणनीतिक सुधार किए गए, जिसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी और नवाचार को प्रोत्साहन दिया गया।
रक्षा क्षेत्र में भारत की यह प्रगति न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत कर रही है, बल्कि आर्थिक विकास और वैश्विक रक्षा विनिर्माण में भारत की स्थिति को भी सुदृढ़ कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत रक्षा निर्यात के क्षेत्र में एक बड़ा केंद्र बन सकता है।