रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के हवाई अड्डे पर आज एक बड़ी घटना सामने आई, जहां दिल्ली से रायपुर पहुंची इंडिगो फ्लाइट (6E 6312) का दरवाजा तकनीकी खराबी के कारण 40 मिनट तक लॉक रहा। इस हादसे में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई अन्य नेता और यात्री विमान के अंदर फंस गए। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद दरवाजा खोला जा सका और सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
विमान दोपहर 2:25 बजे सुरक्षित लैंडिंग के बाद तकनीकी खराबी का शिकार हो गया, जिसके कारण यात्री बाहर नहीं निकल पाए। सूत्रों के अनुसार, दरवाजे की खराबी ने यात्रियों में अफरा-तफरी मचा दी, लेकिन क्रू मेंबर्स और ग्राउंड स्टाफ की त्वरित कार्रवाई से स्थिति नियंत्रित की गई। इंडिगो एयरलाइंस ने अभी तक इस घटना पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, विमान के दरवाजे से संबंधित तकनीकी खराबियां वैश्विक स्तर पर उड़ानों में देरी के 2% मामलों के लिए जिम्मेदार होती हैं। वहीं, भारत में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में तकनीकी घटनाओं की रिपोर्ट में 15% की वृद्धि हुई है, जिसके बाद रखरखाव ऑडिट को और सख्त करने की योजना बनाई गई है।
यह पहली बार नहीं है जब इंडिगो की फ्लाइट में तकनीकी दिक्कतें सामने आई हों। 11 मार्च 2025 को पुणे से रायपुर जा रही एक इंडिगो फ्लाइट को इंजन खराबी के कारण औरंगाबाद हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी। हालांकि, अभी तक इन घटनाओं के बीच किसी संबंध की पुष्टि नहीं हुई है।
भूपेश बघेल जैसे वीआईपी यात्री के फंसने से इस घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने विमानन सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, वहीं कुछ ने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में लिया। एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा, “इंडिगो का नया ऑफर: फ्री लॉकडाउन एक्सपीरियंस!
DGCA और इंडिगो एयरलाइंस से इस घटना की जांच की उम्मीद है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हवाई अड्डे पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इस घटना से सबक लेते हुए, विशेषज्ञों का सुझाव है कि विमानन कंपनियों को अपने रखरखाव प्रोटोकॉल को और मजबूत करना चाहिए।