नई दिल्ली : मई 2025 में देश को बड़ी राहत मिली है — खुदरा महंगाई दर घटकर सिर्फ 2.82% रह गई है, जो पिछले छह सालों का सबसे निचला स्तर है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने गुरुवार को जारी किया।
इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी कमी है। खाद्य मुद्रास्फीति, जो पिछले साल मई में 8.69% थी, अब घटकर महज 0.99% रह गई है। सब्जियां, फल और प्रोटीन युक्त वस्तुएं सस्ती होने से आम आदमी को सीधी राहत मिली है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार की सटीक आपूर्ति श्रृंखला रणनीति और आवश्यक वस्तुओं पर मूल्य नियंत्रण की वजह से महंगाई पर लगाम लगी है। जहां अमेरिका जैसे देशों में महंगाई बढ़ रही है, भारत ने स्थानीय नीतियों के ज़रिए दबाव को कम किया है।
यह आँकड़ा रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के हालिया फैसलों को भी सही ठहराता है। RBI ने 6 जून को रेपो रेट में 0.50% की कटौती की थी, जिससे वह 5.50% पर आ गया। महंगाई में गिरावट से यह स्पष्ट होता है कि यह कदम उपभोक्ता विश्वास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने की दिशा में कारगर रहा।
क्या आने वाले दिनों में राहत बनी रहेगी?
हालांकि कुछ राज्यों में महंगाई अब भी औसत से ऊपर बनी हुई है। शहरी इलाकों में यह 3.07% है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 2.59%। आगे यह स्थिति मौसम और वैश्विक खाद्य कीमतों पर निर्भर करेगी। फिलहाल सरकार और RBI का फोकस आर्थिक गति को बरकरार रखते हुए महंगाई को नियंत्रण में रखना होगा।