बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी ने आज एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि रांची में केंद्रीय गृह मंत्री के साथ हुई बैठक में बिहार के हित मेंतीन बड़े फैसले लिए गए हैं। ये निर्णय नदी जल प्रबंधन, जलाशय विकास और गाद नियंत्रण जैसे अहम मुद्दों को लेकर किए गए हैं। इन फैसलों के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि बिहार की जल संसाधन परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ेंगी, और बाढ़, सूखा और जल संकट जैसी समस्याओं से निपटने में राज्य को राहत मिलेगी।
सोन नदी विवाद सुलझा
मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि सोन नदी के जल बंटवारे को लेकर वर्षों से लंबित इंद्रपुरी बराज विवाद को सुलझा लिया गया है। इससे इंद्रपुरी जलाशय योजना को अब गति मिलेगी, जो सिंचाई और जल आपूर्ति की दृष्टि से बिहार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बंगाल में फुलवरिया ब्रांच परियोजना को मंजूरी
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पश्चिम बंगाल में फुलवरिया ब्रांच परियोजना का कार्य आगे बढ़ेगा। यह परियोजना लंबे समय से रुकी हुई थी, लेकिन अब इसे नई दिशा मिलने की उम्मीद है, जिससे दोनों राज्यों को लाभ होगा।
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नदियों की गाद हटाने पर केंद्र सरकार लाएगी नीति
विजय चौधरी ने कहा कि नदियों में बढ़ती गाद (सिल्ट) की समस्या को गंभीरता से लिया गया है। केंद्र सरकार अब गाद प्रबंधन (सिल्ट मैनेजमेंट) के लिए एक राष्ट्रीय नीति लाएगी। यह नीति नदियों की जलधाराओं को साफ रखने और बाढ़ की समस्या को कम करने में सहायक होगी।
बिहार-झारखंड पेंशन विवाद पर भी चर्चा
मंत्री ने यह भी बताया कि बिहार और झारखंड के बीच जारी पेंशन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक समिति बनाई गई है। यह समिति 15 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके बाद इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वर्षों से लंबित यह मुद्दा दोनों राज्यों के हजारों सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है।
समन्वय और समाधान की दिशा में बड़ा कदम
विजय चौधरी ने केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों के बीच समन्वय की सराहना करते हुए कहा कि ये फैसले राज्यों के आपसी सहयोग और केंद्र की सकारात्मक भूमिका के परिणाम हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन निर्णयों से न केवल बिहार को लाभ मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय जल प्रबंधन प्रणाली भी सुदृढ़ होगी।