देश में आने वाले डेढ़ साल में चुनावी रस की कोई कमी नहीं है। 2023 में नौ राज्यों में चुनाव है। इसमें हर राज्य में भाजपा के चुनौती है। कहीं सरकार बनाए रखने की चुनौती तो कहीं सरकार बनाने की। लेकिन भाजपा का असली टारगेट लोकसभा चुनाव 2024 है। इसलिए भाजपा ने 2023 की तैयारी के साथ 2024 की तैयारी भी शुरू कर दी है। कांग्रेस पिछले दो चुनावों में भाजपा के सामने कहीं टिकी नहीं है। लेकिन बिहार ने भाजपा के जीत की हैट्रिक रोकने की तैयारी शुरू हो चुकी है। प्रयास तो यही है कि सीएम नीतीश कुमार को साझा उम्मीदवार बनाया जाए। इस साझेदारी में कांग्रेस शामिल होगी या नहीं, कहना मुश्किल है। लेकिन भाजपा ने बिहार की इस चुनौती के काट ढूंढ़ने की शुरुआत कर दी है।
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बिहार में 10 सीटों को माना चुनौती
भाजपा ने अपने लिए बिहार की 10 लोकसभा सीटों को चुनौती मान लिया है। वैसे तो 2019 में बिहार में भाजपा का स्ट्राइक रेट 100 था। यानि 17 सीटों पर लड़ी भाजपा ने हर सीट आसानी से जीती। लेकिन इस बार बदले हालात में भाजपा के सामने चुनौती कई स्तर पर है। पिछले चुनाव में नीतीश भाजपा के साथ थे। लेकिन अगले चुनाव में नीतीश सीधे सामने दावेदार बनने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले चुनाव में साथ रही लोजपा दो हिस्सों में बंट चुकी है। वैसे तो पशुपति कुमार पारस वाले धड़े को तो भाजपा ने एनडीए में ही रखा है। जबकि चिराग गुट भाजपा की पहुंच से दूर नहीं है। विधानसभा के उपचुनाव में यह स्पष्ट दिखा भी है। लेकिन 40 में से 39 सीटें जीतने वाली एनडीए को नीतीश के जाने से 10 सीटों पर चुनौती मिल रही है।
इन 10 सीटों को भाजपा मान रही मुश्किल
- नवादा : चंदन सिंह, रालोजपा
- वैशाली : वीणा सिंह, रालोजपा
- वाल्मीकि नगर : सुनील, जदयू
- किशनगंज : डॉ. मो. जावेद, कांग्रेस
- कटिहार : दुलाल चंद्र गोस्वामी, जदयू
- सुपौल : दिलेश्वर कामत, जदयू
- मुंगेर : राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जदयू
- झंझारपुर : रामप्रीत मंडल, जदयू
- गया : विजय कुमार, जदयू
- पूर्णिया : संतोष कुमार, जदयू
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सीट भी शामिल
भाजपा ने आंतरिक सर्वे के आधार जिन 10 सीटों को चुनौती माना है, उनमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की सीट मुंगेर भी शामिल है। 10 में से 7 सीटों पर जदयू का कब्जा है। जबकि एक सीट पर कांग्रेस का। वहीं दो सीटों रालोजपा की हैं, जो अभी एनडीए में ही शामिल हैं। लेकिन भाजपा इन सीटों को भी अपनी चुनौती में शामिल मान रही है। इसी कारण भाजपा ने दो दिनों का ट्रेनिंग प्रोग्राम पटना में करने जा रही है। इसमें पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाएगा।