भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा इन दिनों सुर्खियों में हैं। नुपुर पर आरोप है कि उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद को लेकर विवादित बयान दिया। हालांकि इसके बारे में नुपुर ने पहले सफाई दी कि उन्होंने वही कहा, जो लिखा हुआ है। बाद में मामले ने तूल पकड़ा तो नुपुर ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी। लेकिन बवाल थमा नहीं। दर्जन भर मुस्लिम देशों ने नुपुर शर्मा के बयान पर आपत्ति जाहिर की है। नुपुर पर एफआईआर भी दर्ज की गई है। अगर एफआईआर में दर्ज आरोप साबित हो जाते हैं तो नुपुर शर्मा को 3 साल तक की सजा दी जा सकती है।
BJP की डायनेमिक फेस रही हैं नुपुर शर्मा
नुपुर शर्मा का कुल राजनीतिक जीवन अब तक लगभग 14 साल का है। इतने वक्त में ही उन्होंने भाजपा के डायनेमिक नेताओं में से एक होने का तमगा हासिल कर लिया है। टीवी डिबेट्स में उनकी धड़ल्ले से मौजूदगी दिखती रही है। अपनी पार्टी के लिए नुपुर का आक्रामक तेवर ने उन्हें अधिक डायनेमिक बना दिया। लेकिन फिलहाल पार्टी ने नुपुर से पल्ला झाड़ लिया है।
दिल्ली छात्रसंघ चुनाव में नुपुर रही थी विजेता
नुपुर शर्मा के राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई थी। 2008 में नुपुर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष का पद जीत कर पहली बार सबकी नजरों में आई थी। दिल्ली विश्वविद्यालय की जंग जीतने के साथ ही नुपुर शर्मा आगे भाजपा में शामिल हुई।
केजरीवाल को दे चुकी हैं चुनौती
ऐसा नहीं है कि नुपुर शर्मा सिर्फ टीवी डिबेट की पैनलिस्ट या दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष की पहचान तक सीमित हैं। बल्कि नुपुर शर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से चुनाव लड़ चुकी हैं। 2015 में नुपुर शर्मा ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली विधानसभा चुनाव नई दिल्ली सीट से लड़ा। इस सीट पर कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री किरण वालिया भी चुनाव लड़ीं थीं। जीत तो अरविंद केजरीवाल को मिली लेकिन युवा नुपुर शर्मा ने किरण वालिया जैसी दिग्गज को तीसरे नंबर पर धकेल दिया था।
विदेश से की है लॉ की पढ़ाई
नुपुर शर्मा राजनीति में सक्रिय होने के साथ वकील भी हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी करने वाली नुपुर ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से इंटरनेशनल बिजनेस लॉ में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों से फुलटाइम पॉलिटिक्स का हिस्सा बन चुकी नुपुर शर्मा के लिए आने वाले दिन राजनीतिक कॅरियर के लिए सुखद नहीं दिखते। क्योंकि उनके बयान को उनकी पार्टी ने गंभीरता से लिया है। वैसे तो नुपुर के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी सरेआम दिख रहे हैं। लेकिन पार्टी ने फिलहाल उनसे किनारा कर, नुपुर शर्मा के राजनीतिक कॅरियर पर कॉमा लगा दिया है।