बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले 2020 का वक़्त याद कीजिए। Corona की पहली लहर बिहारियों को बाहर से वापस ले आई थी। राज्य सरकार सबको बिहार में रोजगार देने का वादा कर रही थी। चुनाव आया तो RJD ने 10 लाख नौकरियों का वादा दिया, तो BJP ने 19 लाख। कायदे से लाखों नौकरियां मिल जानी चाहिए थी। लेकिन सर्वे के आंकड़े बता रहे हैं बिहार में हर सातवां शख्स बेरोजगार है। उसके पास नौकरी नहीं है। देश में बेरोजगारी का आंकड़ा 7.8 प्रतिशत है।
पॉलिटिकल टूरिज्म वाला Assam भी टॉप 3 में
पिछले कुछ दिनों में असम से दो खबरें आईं। पहली तो वहां बाढ़ से संबंधित रहीं। कई जिलों में लाखों लोग बाढ़ में तबाह होते दिखे। वहीं दूसरी खबर ये आई कि असम पहली बार पॉलिटिकल टूरिज्म वाला प्रदेश बना। महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार को गिराने वाले सभी विधायक सूरत होते हुए असम के गुवाहाटी ही पहुंचे थे। वहां उनकी खूब आवभगत भी हुई। लेकिन यह पॉलिटिकल टूरिज्म भी राज्य की बेरोजगारी पर असर नहीं डाल सका। क्योंकि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की जून 2022 की रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी में तीसरे नंबर पर मौजूद असम में हर छठा शख्स बेरोजगार है।
Rajasthan में न सुरक्षा न रोजगार!
राजस्थान का हाल ऐसा है कि वहां कोई अपनी बात कहने से डरने लगा है। कन्हैया लाल प्रकरण सबके सामने है। सुरक्षा से जूझ रही जनता के पास रोजगार का भी अभाव है। CMIE की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में एक तिहाई लोग बेरोजगार हैं। यानि 100 लोगों पर देखें तो लगभग 30 लोगों के पास रोजगार नहीं है।
बेरोजगारी में टॉप पर Haryana
गुड़गांव में दिल्ली-एनसीआर की सीमाओं के खत्म होने के बाद शुरू होता है असली हरियाणा। गुड़गांव भले ही लाखों लोगों के रोजगार का आशियाना बना हो लेकिन हकीकत ये है कि बेरोजगारी में हरियाणा टॉप पर है। राज्य में लगभग हर तीसरा शख्स बेरोजगार है।