प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलने के लिए कांग्रेस की तरफ से कई बार घातक बयानी हथियार का इस्तेमाल किया गया। लेकिन वो हथियार कांग्रेस के लिए ही विनाशकारी साबित हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद अपने ऊपर की जा रही टिप्पणी को लेकर कहा था कि वो गालियों को हार बना लेते हैं। एक रैली में उन्होंने ये कहा था कि जितना ज्यादा कीचड़ उछाला जाएगा उतना ज्यादा कमल खिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी पर की गई विवादित टिप्पणी को भाजपा अपने पक्ष में भुनाने में कामयाब हो जाती है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर कांग्रेस के कई बड़े नेता प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर चुके हैं। जिसका खामियाजा भी कांग्रेस को भुगतना पड़ा है।
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सोनिया गांधी ने कहा था ‘मौत का सौदागर’
प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित टिप्पणी करने का खामियाजा कांग्रेस को उस समय भी उठाना पड़ा था जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री थे। 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी का एक बयान कांग्रेस पर भारी पड़ गया था। सोनिया गांधी ने उस समय मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताया था। जिसके बाद इस बयान को भाजपा और खुद नरेंद्र मोदी चुनावों में गुजरातियों के अपमान से जोड़ दिया। इसका असर चुनाव परिणामों पर भी देखने को मिला। 117 सीट के साथ भाजपा एक बार फिर गुजरात की सत्ता में वापस लौटी जबकि कांग्रेस महज 59 सीटों पर सीमट गई।
मणिशंकर अय्यर ने कहा था ‘चायवाला’
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित टिप्पणी करने वाले कांग्रेस नेताओं की लिस्ट में टॉप पर हैं। साल 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले उनके एक बयान ने पूरा चुनाव प्रचार में मुद्दा बना रहा। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने कह था कि ‘उनका यहां क्या काम है। हां, चाय बेचना चाहें तो आ सकते हैं।’ उनका ये बयान कांग्रेस के लिए ही नुकसान देह साबित हुआ। भाजपा की तरफ से इस बयान को कैंपेन में बदल दिया गया। ‘चाय पर चर्चा’ के नाम से ही भाजपा ने कैंपेन शुरू किया। देशभर में इस कैंपेन का काफी ज्यादा असर देखने को मिला। चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला सत्ता परिवर्तन हो गया।
साल 2017 में के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी मणिशंकर अय्यर का एक बयान भी कांग्रेस पर भारी पड़ा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को ‘नीच’ कहा था। उनके इस बयान पर जमकर विवाद हुआ। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने एकबार फिर से इसे गुजरातियों की अस्मिता से जोड़ दिया। जिसका फायदा भी भाजपा को चुनाव परिणाम में मिला। 2017 में पहली बार ऐसा था जब नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात विधानसभा का चुनाव हो रहा था। कांग्रेस के पास गुजरात के भाजपा के मिले में सेंध लगाने का ये सबसे बड़ा मौका था।पाटीदार समुदाय के आंदोलन और अन्य मुद्दों को लेकर भी गुजरात सरकार घिरी हुई नजर आ रही थी। लेकिन मणिशंकर अय्यर के नीच वाले बयान ने पूरा खेल ही पलट दिया। स्थिति ऐसी हो गई थी की कांग्रेस को मणिशंकर अय्यर को पार्टी से निष्कासित करना पड़ा था।
चौकीदार चोर बोल राहुल गांधी ने बढ़ाई मुश्किल
प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को देश का चौकीदार बताया था। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर राफेल खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘देश का चौकीदार चोर हैं’। इसके जरिए उन्होंने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। भाजपा की तरफ से इस बयान को भी कैंपेन में बदल दिया गया। भाजपा ने ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन चलाया। सोशल मीडिया से लेकर चुनावी रैली तक हर दो खेमें दिखने लगे एक ‘चौकीदार चोर है’ वाला और दूसरा ‘मैं भी चौकीदार’। राहुल गांधी का बयान कांग्रेस पर उलटा पड़ गया। चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद ही चौकीदार वाला कैंपेन शांत हुआ। लेकिन भाजपा ने एकबार फिर से बाजी मार ली।
मोदी को औकात दिखने वाले बयान पर भी हुआ विवाद
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में भी एक बार फिर से इतिहास दोहराता दिखा। मतदान से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री का एक बयान सामने आया जिसमें वो प्रधानमंत्री मोदी को औकात दिखने की बात कर रहे थे। एकबार फिर से भाजपा ने इस विवादित टिप्पणी को चुनाव प्रचार में भुनाया। खुद प्रधानमंत्री मोदी भी चुनावी जनसभाओं में मधुसूदन मिस्त्री के बयानों की चर्चा करते रहे। हर बार की तरह अपने ऊपर किए गए टिप्पणी को उन्होंने गुजरातियों के सम्मान और अस्मिता से जोड़ दिया। चुनावी रिजल्ट में भी इसका असर दिखा और कांग्रेस को नुकसान झेलना पड़ा।
कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस मोदी को बताया साँप
मोदी पर विवादित टिप्पणी का नया मामला कर्नाटक चुनाव से पहले आया है। बता दें कि 10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। फिलहाल चुनावी प्रचार का मौसम चल रहा है। इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान सामने आया है। उन्होंने प्रधनमंत्री मोदी की तुलना जहरीले सांप से की है। एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘पीएम मोदी जहरीले सांप जैसे हैं। आप सोचेंगे कि जहर है या नहीं। लेकिन आपने चख लिया तो फिर मर जाएंगे।’ उनके इस बयान को लेकर भाजपा भी हमलावर है।
विवाद बढ़ता देख मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है। मैंने भाजपा को सांप जैसा बताया है। अब ये देखना खास होगा कि क्या इसबार भी भाजपा प्रधानमंत्री मोदी पर की गई विवादित टिप्पणी को चुनावी कैंपेन में कितना इस्तेमाल करेगी और उससे उसे फायदा होगा या नहीं।