बयान नंबर 1 : अगर संविधान बचाना है तो मोदी की हत्या करने को तत्पर रहो।
राजा पटेरिया, कांग्रेस, मध्य प्रदेश
बयान नंबर 2 : इनका वश चले तो ये देश को बिहार बना दें।
पीयूष गोयल, भाजपा, केंद्रीय मंत्री
बयान नंबर 3 : मैंने अपने बेटे और बेटी से कहा है कि भारत का माहौल नहीं झेल पाओगे, विदेश में ही बस जाओ।
अब्दुल बारी सिद्दीकी, राजद, बिहार
भारत की राजनीति ऐसी है कि बयान बहुत कुछ डिसाइड करते हैं। बयान सरकार बनाते हैं तो बयान सरकार गिराने का भी दम रखते हैं। लेकिन नेता हैं कि अपने बयानों पर काबू ही नहीं रख पाते हैं। दरअसल, हर विवादित बयान के बाद विरोध का शोर गूंजने लगता है। तब यही लगता है कि हो सकता है ये आखिरी बयान हो। इसके बाद बातचीत मुद्दों की होगी, जनता की होगी। लेकिन ये सोच कभी सच साबित नहीं होती।
कांग्रेस का बयान भाजपा के लिए असहनीय
इसी महीने की बात है जब मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेसी नेता राजा पटेरिया के एक बयान का वीडियो वायरल हुआ। इसमें राजा पटेरिया ये कहते दिखे कि अगर संविधान बचाना है तो मोदी की हत्या करने को तत्पर रहो। जाहिर तौर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसे बयान शर्मनाक हैं। कानूनी तौर पर ये अपराध है। इसके लिए राजा पटेरिया पर FIR भी हो गई। भाजपा नेता खूब बरसे और भाषाई मर्यादा पर खूब लेक्चर दिया। ये अलग बात है कि भाषाई मर्यादा के तार भाजपा से भी टूट गए और वो भी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से।
बिहारियों को लेकर की टिप्पणी
दरअसल, राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बोलते बोलते ये कह दिया कि इनका वश चले तो ये देश को बिहार बना दें। पीयूष गोयल के बयान का मतलब तो साफ था कि उन्हें न बिहार पसंद है, न वहां की व्यवस्था। लेकिन हकीकत ये है कि पिछले 17 सालों में से 15 साल उनकी पार्टी भाजपा ही बिहार में सरकार की साझीदार रही है। अब पीयूष गोयल कह रहे हैं कि उनके बयान से ठेस लगी है तो माफी चाहते हैं। इधर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पूरा मौका मिला है। तेजस्वी खूब बरस रहे हैं। इस बीच तेजस्वी की पार्टी के अब्दुल बारी सिद्दीकी को यह देश ही रहने लायक नहीं लग रहा है।
सिद्दीकी के बयान से सभी नाराज
पीयूष गोयल ने बिहार पर टिप्पणी कर दी तो बिहार सरकार में शामिल नेता गरम हो गए। अब राजद के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने तो भारत को रहने लायक नहीं बताया है। अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि अब भारत में रहने का माहौल नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चे यहां के मौजूदा माहौल में रह पाएंगे या नहीं, यह कहना मुश्किल है। इसलिए मैंने अपने बच्चों को विदेश में नौकरी करने की सलाह दी है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर विदेश में ही नागरिकता लेने का भी सुझाव दिया है।