बिहार में राष्ट्रीय जनता दल का उदय पुराने राजनीतिक दलों को पीछे छोड़ने के बाद हुआ। राष्ट्रीय जनता दल का चुनाव चिन्ह रखा गया लालटेन। तब लालटेन रखने के पीछे के तर्कों को दल के सुप्रीमो लालू यादव और अन्य नेताओं से तो सबने सुना होगा। गुरुवार को नीतीश कुमार की सरकार के वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र यादव ने इसकी एक नई व्याख्या कर दी। बिजेंद्र यादव ऊर्जा मंत्रालय संभालते हैं। गुरुवार को विधानसभा उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में नीतीश सरकार की उपलब्धियों की बखान के बीच अपनी बातों का एक स्लॉट राजद के चुनाव चिन्ह को भी दिया।
‘सिम्बॉलिक हो गया लालटेन’
गुरुवार को विधान परिषद में ऊर्जा विभाग का बजट पर बहस हुई। बहस के बाद जब ऊर्जा मंत्री जवाब देने उठे तो उनके निशोन पर राजद का चुनाव चिन्ह आ गया। बिजेंद्र यादव ने कहा कि लालटेन को राजद ने अपना चुनाव चिन्ह इसलिए बनाया क्योंकि वो लोकप्रिय था। हर घर में जरूरत का साधन था। लेकिन नीतीश कुमार की सरकार के बाद लालटेन की उपयोगिता ही समाप्त हो गई। सिम्बॉलिक तौर पर लालटेन कहीं कहीं जलता है लेकिन वो भी बिजली से। ऊर्जा मंत्री के इस कथन का स्पष्ट मतलब तो यही निकलता है कि लालू यादव के पार्टी के चिन्ह लालटेन से जो रोशनी निकल रही है, वो नीतीश सरकार के बिजली के कारण ही संभव है।
मंत्री ने किया उपलब्धियों का बखान
बिजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार ने ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा गैप भरा है। 2004-05 में बिहार में 45 ग्रिड उपकेंद्र थे लेकिन 2021-22 में इनकी संख्या 156 हो गई। इसी अवधि में अधिकतम मांग आपूर्ति 700 मेगावाट से बढ़कर 6627 मेगावाट हो गई। वहीं ऊर्जा विभाग का कुल बजट 2004-05 में सिर्फ 1108.82 करोड़ रुपए था जो 2021-22 में बढ़कर 10025.25 करोड़ रुपए हो गया।