भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में दशकों का इंतजार खत्म वाले क्रिकेटर का नाम है धोनी। क्रिकेट के बदलते स्वरूप में बादशाहत कायम करने वाले क्रिकेटर भी हैं धोनी। लेकिन पुरानी कहावत है कि जो रातों-रात स्टार बनता दिखता है। उसके स्टार बनने के पीछे न जाने कितनी रातें लगी होती हैं। ऐसी ही रही है धोनी की जिंदगी। महेंद्र सिंह का धोनी बन जाना, किसी और के नहीं उनके अपने गुणों की वजह से हुआ। ये गुण आप भी अपनाएं तो सफलता आपके भी कदम चूमेगी।
धोनी का 41वां जन्मदिन
महेंद्र सिंह धोनी International Cricket से संन्यास ले चुके हैं। IPL में उनका जलवा बरकरार है। इसके साथ ही 7 नंबर की जर्सी वाले धोनी का जन्मदिन सात जुलाई यानि 07.07 ही है। हर साल धोनी के जन्मदिन के दिन उनके फैंस उनके लिए अपनी तरह से मुबारकबाद देते हैं। यह सिलसिल इस बार भी जारी है। लेकिन हम बात कर रहे हैं धोनी के उन गुणों की, जिसके कारण उनकी अलग पहचान सभी के दिलों तक पहुंची है।
हालात से समझौता नहीं
धोनी के पूरे कॅरियर को देखें तो कई बार आपको लग सकता है कि धोनी को बहुत कुछ लक के कारण मिला। लेकिन ये सरासर गलत है। दरअसल, धोनी ने जो कुछ पाया, अपने फैसलों के कारण पाया। धोनी जिम्मेदारी से आगे बढ़कर फैसले लेते हैं। हालात से समझौता कर बैकसीट नहीं पकड़ते। आगे बढ़कर जिम्मेदारी लेते हैं और उसे पूरा करने तक हार नहीं मानते। आखिरी बॉल पर छक्का लगाना हर बार तुक्का नहीं होता। यह धोनी का दृढ़ निश्चय दिखाता है कि वो आखिरी बॉल पर भी कमाल कर सकते हैं और ऐसा करते भी हैं।
आगे बढ़ने की ललक
छोटे शहरों के बच्चों का संघर्ष अक्सर छोटी सी नौकरी पाने तक ही सीमित रहता है। सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले युवा कई बार LDC की नौकरी में ही खुश हो जाते हैं। लेकिन धोनी की सोच कभी थमी नहीं। धोनी को जहां पहुंचना था, धोनी उससे पहले रुके ही नहीं। रेलवे की सरकारी नौकरी जो आज भी लाखों युवाओं का सपना होता है, धोनी ने झटके में छोड़ी। आगे बढ़ने की उसी ललक ने उन्हें सफलता की सबसे उंची चोटी तक पहुंचाया। धोनी रेलवे की नौकरी करते रहते तो भी सफल ही कहलाते लेकिन आज उनकी सफलता दूसरों के लिए नजीर बन चुकी है।
Family Man
आमतौर पर हम कई क्रिकेट सितारों को देखते हैं कि उनकी लाइफ ज्यादा हाई-फाई है। सेलेब दोस्तों के साथ पार्टी की तस्वीरें सरेआम रहती हैं। इससे उलट धोनी ने हमेशा अपने लाइफ को बैलेंस रखा है। क्रिकेट खेलते वक्त जितना फोकस गेम पर रखते हैं, उसके बाद उतना ही फोकस फैमिली और करीबी दोस्तों को देते हैं। सेलेब्रिटीज का हॉलीडे डेस्टिनेशन विदेशों में होता है, तो धोनी अक्सर रांची के अपने फॉर्महाउस में अपनी फैमिली के साथ रहते हैं। इसी बैलेंस ने उन्हें आज भी फैंस के दिलों में अंदर तक बिठाए रखा है।
दबाव में भी Best की कोशिश
हार सामने दिखती है तो कई लोग हथियार डाल देते हैं। दबाव झेल नहीं पाते और बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। लेकिन धोनी इससे बिल्कुल अलग हैं। धोनी की लाइफ थ्योरी है कि दबाव चाहे कितना भी हो, हर चीज में अपना बेस्ट दें। 2011 का फाइनल सबको याद होगा। इसमें धोनी का छक्का मारकर जिताना आज तक सबकी आंखों में लाइव सा चलता है। लेकिन उस छक्के के मारने के पहले तक जो दबाव था, उससे धोनी अपनी इसी आदत के कारण पार पा सके। नतीजा हम सबके सामने है।
हार से भी निराश नहीं
खेल होगा तो कोई जीतेगा, कोई हारेगा। हारना कोई नहीं चाहता लेकिन सबके वश में होता है सिर्फ परफॉर्मेंस। धोनी की लाइफ फिलोसॉफी है कि मंजिल से ज्यादा उन्हें रास्तों में मजा आता है। धोनी मैच को इंज्वाय करते हैं। एफर्ट लगाते हैं। अपना बेस्ट देते हैं। अपने खिलाड़ियों से बेस्ट निकलवाते हैं। इसके बाद भी नतीजा उनकी हार के रूप में सामने आता है, तो भी वे निराश नहीं होते। धोनी कहते हैं कि उन्हें हारने से निराशा नहीं होती। बल्कि अगली बार वह उस कमी को पूरा करके दोबारा मैदान पर उतरने का टारगेट मिलता है।
धोनी अपने इन्हीं गुणों के कारण तमाम दूसरे क्रिकेटर्स और सेलिब्रिटीज से बिल्कुल अलग हैं। उम्मीद है कि वो हमेशा आगे बढ़ते रहें। Happy Birthday MAHI…