पाकिस्तान में आज आम चुनाव की प्रक्रिया जारी है। 22 करोड़ की आबादी में से करीब 12 करोड़ आवाम देश में मतदान कर रही है। देखा जाए तो पकिस्तान में भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चुनाव करवाई जाती है, जैसा कि भारत में होता है। पर कई मायनों में पाकिस्तान की चुनावी प्रक्रिया भारत से थोड़ी अलग है।
चुनावी प्रक्रिया में क्या है अंतर ?
भारत में जहाँ EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर चुनाव करवाया जाता है, वहीँ पाकिस्तान में आज भी बैलेट पेपर पर मतदान करवाई जाती है।
भारत में जहाँ मतगणना और परिणाम की घोषणा को लेकर एक निश्चित दिन तय किया जाता है, जो कि मतगणना के कुछ दिनों बाद आती है। वहीँ पकिस्तान में मतदान के दिन ही मतगणना और परिणाम की घोषणा कर दी जाती है।
फर्जी या वोगस वोटिंग से बचने के लिए तथा चुनाव की प्रक्रिया की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए भारत और पकिस्तान दोनों जगहों पर मतदान के बाद मतदाताओं को ‘इंडेलिबल इंक’ (अघुल्य स्याही) लगाई जाती है। लेकिन पाकिस्तान का तरीका भारत के तरीके से थोड़ा अलग होता है। भारत में वोटिंग के बाद बांयें हाथ की एक उंगली के नाखून पर नीले रंग की स्याही से निशाना बना दिया जाता है। पाकिस्तान में भी वोट डालने के बाद हाथों पर निशान लगाया जाता है, लेकिन यह भारत में वोट डालने के बाद लगाए जाने वाले निशान से अलग निशान होता है। यह नाखून पर नहीं लगाया जाता बल्कि अंगूठे की त्वचा पर लगाया जाता है। इस स्याही को ‘इलेक्शन इंक’ भी कहा जाता है, जो लगने के 72 घंटे तक नहीं मिटाई जा सकती।
लोकतान्त्रिक व्यवस्था की बात की जाए तो यहाँ भी कई पहलुओं पर दोनों देश एक दूसरे से थोड़ी भिन्नता रखते हैं
- भारत के पार्लियामेंट को ‘संसद’ कहा जाता है। वहीँ पाकिस्तानी पार्लियामेंट का नाम ‘मजलिस-ए -शूरा’ है।
- भारत में ऊपरी सदन राज्यसभा और निचला सदन लोकसभा कहलाता है। जबकि पाकिस्तान में उपरी सदन को आएवान-ए-बाला या सीनेट तथा निचले सदन को कौमी असेम्बली या नेशनल असेंबली कहते हैं ।
- भारत की लोकसभा में कुल 545 सीटें होती हैं। जिसमे से 2 सीटें मनोनयन के आधार पर भरी जाती हैं। लेकिन पकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सीटें होती हैं, जहाँ 272 सीटों पर हीं सीधा चुनाव होता है।
- पाकिस्तान के सीनेट में भारत के राज्य सभा की तरह ही चुनाव होता है, लेकिन राज्यसभा में जहाँ 250 सीटें होती हैं, वहीँ पाकिस्तानी सीनेट में 104 सीटें होती हैं।
- पकिस्तान की प्रान्तीय असेंबली में 23 की निश्चित संख्या पर चुनाव होती है। पर भारत की विधानसभाओं में प्रान्तों की जनसँख्या के आधार पर अलग अलग सीटों की संख्या होती है।
- पाकिस्तान में रष्ट्रपति या प्रधानमंत्री केवल मुस्लिम ही बन सकता है। पर भारत में ऐसी कोई बंदीश नहीं। भारत में किसी भी धर्म, किसी भी समुदाय, जाति या वर्ग से आने वाला व्यक्ति राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री बन सकता है।
- पाकिस्तान के दोनों सदनों का हिस्सा होता है राष्ट्रपति। जिसे ‘सदर-ए-मुम्लिकात’ कहते हैं। जबकि भारत में राष्टपति सदन का हिस्सा नहीं होते।
- भारत में संसद सदस्यों को ‘सांसद’ या ‘मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेंट’ कहा जाता है, जबकि पकिस्तान के सांसदों को ‘मेम्बर ऑफ़ असेम्बली’ कहा जाता है।