मामला बड़ा हो या छोटा, सबका भरोसा बड़ी जांच पर ही होता है। पहले यह भरोसा CBI ने जीत रखा था। हर मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन CBI जांच के निर्देश पर पुख्ता माना जाता था। लेकिन राजनीतिक गतिविधियों में सीबीआई की ऐसी किरकिरी हुई कि स्थिति बदलने लगी। विपक्ष में जो भी रहे, सीबीआई पर सवाल उठाता रहा है। यहां तक की कई राज्यों ने CBI को बैन कर दिया है। लेकिन बीते कुछ सालों में पूरा बैटल ग्राउंड ही बदल गया है।
केंद्र के विपक्षी राज्यों ने बैन किया CBI!
एक वक्त था जब देश में सबसे बड़ी जांच एजेंसी CBI ही थी। उस वक्त केंद्र की सत्ता में कांग्रेस शामिल थी। लेकिन 2014 के बाद केंद्र में सत्ता बदली। भाजपा शासन में आई। बाद में सीबीआई के राजनीतिक इस्तेमाल के आरोप लगने लगे। अलग अलग राज्यों में भाजपा के विरोधी दलों की सरकार थी। इसमें से नौ राज्यों ने सीबीआई की इंट्री अपने राज्यों में बैन कर दिया। राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब, मेघालय और मिजोरम में सीबीआई बैन है। यानि इन राज्यों में राज्य सरकार की परमिशन के बिना सीबीआई जांच नहीं कर सकती।
इसके बाद ED का उदय
सीबीआई के बैन होने के बाद ईडी का उदय हुआ। यह जांच एजेंसी तो पहले भी काम कर रही थी। लेकिन 2019 के बाद तो इसने तमाम बड़े मामलों में हस्तक्षेप बढ़ा दिया। आज हर घोटाले, वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी के मामलों की जांच में ED सबसे आगे दिख रही है। ईडी के इसी बढ़ते अधिकारों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया गया था। लेकिन कोर्ट का कहना है कि PMLA के तहत ED अरेस्ट भी कर सकती है। इसके लिए आधार बताना जरुरी नहीं है।
10 साल में 24 हजार, एक साल में 5493
ईडी के मामले दर्ज करने की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार FEMA के तहत 10 सालों में ईडी ने 24,893 मामले दर्ज किए। इसमें 5493 मामले साल 2021-22 में ही दर्ज हुए हैं। जबकि 2014-15 में 1093 मामले दर्ज हुए थे।
इन रसूखदारों पर ED का शिकंजा
सोनिया गांधी व राहुल गांधी :
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से ईडी पूछताछ कर रही है। इस पूछताछ के लिए ईडी पर भेदभाव के आरोप भी लग रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लग रहा है।
सत्येंद्र जैन :
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री हैं सत्येंद्र जैन। सीएम अरविंद केजरीवाल उनकी तरफदारी करते रहे लेकिन ईडी ने सत्येंद्र जैन को अरेस्ट कर लिया। वे अभी भी गिरफ्त में हैं। 30 मई को ईडी ने सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था।
अनिल देशमुख व नवाब मलिक :
महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री रहे ये दोनों नेता मंत्री रहते हुए ईडी की गिरफ्त में आ गए। इसमें अनिल देशमुख पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस अधिकारी से उगाही की। जबकि नवाब मलिक पर दाऊद इब्राहिम से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग केस है।
पार्थ चटर्जी व अर्पिता मुखर्जी :
हाल में पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी हुई है। उनके साथ ED उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी को भी अरेस्ट किया है। अब पार्थ को सीएम ममता बनर्जी ने मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया है।
संजय राउत :
ईडी के शिकंजे का सबसे ताजा मामला महाराष्ट्र में सामने आया है। पात्रा चॉल घोटाले में गिरफ्तार शिवसेना नेता संजय राउत को सोमवार को PMLA कोर्ट ने 4 अगस्त तक ED की रिमांड पर भेज दिया है।