S Jaishankar Latest News: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भगवान कृष्ण और हनुमान को लेकर ऐसी बात कही है, जिसे हर किसी को सुनना चाहिए। सनातन धर्म, श्रीरामचरितमानस और हिंदू को लेकर लगातार गहराते विवाद के बीच विदेश मंत्री का बयान सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है।
S Jaishankar Statement: देश में रामचरितमानस पर मचे घमासान के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक बयान खासा वायरल हो रहा है। एस जयशंकर कूटनीति और विदेश नीति को धार्मिक ग्रंथों और पात्रों के जरिए समझाने का प्रयास करते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है। विदेश मंत्री इसमें कहते दिख रहे हैं कि विश्व का सबसे बड़ा राजनयिक और कूटनीतिज्ञ अगर कोई था, तो वह हनुमान और भगवान श्रीकृष्ण थे। इन दोनों को बड़ा टास्क दिया गया था और उसे उन्होंने बखूबी निभाया। दरअसल, इस समय बिहार से श्रीरामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव के बयान से उठा विवाद देश भर में गहराया हुआ है। बिहार से उठी आग को यूपी में पूर्व मंत्री और सपा के विधान पार्षद स्वामी प्रसाद मौर्य ने भड़काया। उन्होंने रामचरितमानस में आपत्तिजनक बात लिखे जाने को लेकर इसे बैन करने की मांग कर डाली। उन्होंने महिलाओं, दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों के लिए रामचरितमानस में आपत्तिजनक चौपाई होने की बात कही है।
‘हनुमान थे सबसे बड़े राजनयिक‘
विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान इस मायने में काफी अहम माना जा रहा है। विदेश मंत्री ने सीधे तौर पर कहा कि इस देश के सबसे बड़े राजनयिक हनुमान थे। उन्हें एक कठिन टास्क दिया गया था। वह टास्क माता सीता को ढूंढना था। उन्होंने अपने टास्क को टाइमलाइन के भीतर पूरा किया। यही नहीं, उन्होंने इससे आगे बढ़कर कार्य किया। माता सीता से मुलाकात तो की ही, वे रावण तक से मिले। भगवान श्रीराम का संदेश उन तक पहुंचाया। लंका में आग लगा दी। यह टास्क उनका नहीं था, लेकिन सिचुएशन की डिमांड को देखते हुए उन्होंने इस कार्य को पूरा कर सामने वाले के मन में अपने राजा के प्रति दहशत का भाव पैदा करने में वे सफल रहे। उनसे बड़ा राजनयिक आप देश- दुनिया में नहीं देख सकते हैं।
राहुल गांधी ने फहराया श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा, जानिए क्यों खास है यह पड़ाव
‘भगवान कृष्ण थे सबसे बड़े कूटनीतिज्ञ’
भगवान श्रीकृष्ण को सबसे बड़ा कूटनीतिज्ञ बताते हुए एस जयशंकर ने कहा कि वे महाभारत का परिणाम जानते थे। इसके बावजूद उन्होंने युद्ध को रोकने की भरसक कोशिश की। कौरवों के दरबार में गए। यह जानते हुए कि उनकी बात को नहीं मानी जाएगी, लेकिन अंतिम समय तक उन्होंने युद्ध को टालने का प्रयास किया। युद्ध के मैदान में जब अर्जुन अपनों को सामने देखकर शस्त्र त्याग कर दिया, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश सुनाकर युद्ध के लिए तैयार किया। एस जयशंकर ने आगे कहा कि इसके जरिए वे एक सफल कूटनीतिज्ञ होने का परिचय देते दिखते हैं। उन्होंने कहा कि एक सफल कूटनीतिज्ञ वही होता है, जो एक समय में किसी समस्या का समाधान करने की कोशिश करे। लेकिन, समस्या आ जाए तो उससे निपटने के लिए लोगों को तैयार भी करे। यह उसकी सबसे बड़ी पहचान होती है। श्रीकृष्ण इस कार्य में संपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जा सकते हैं।