बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव होने वाला है। यह बदलाव सत्ता परिवर्तन का नहीं है। बल्कि साथ खड़े दो दलों के एक दूसरे में विलय का है। दरअसल, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का विलय हो जाएगा। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अब अलग नहीं रहेंगे। सत्ता में भागीदारी तो पहले ही हो चुकी है लेकिन अब संगठन के स्तर पर भी जदयू और राजद एक हो जाएंगे।
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‘2023 में होगा विलय’
JDU और RJD का विलय 2023 में होगा। तब नीतीश कुमार इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री पद पर तेजस्वी यादव की ताजपोशी होगी। जदयू और राजद के विलय, नीतीश का इस्तीफा और तेजस्वी की ताजपोशी का दावा है वरिष्ठ पत्रकार आर राजगोपालन का। एक लाइव शो में राजगोपालन ने दावा किया है कि विलय की तैयारी तय है। पूरी स्ट्रेटजी पहले ही बन चुकी है। इसके अनुसार 2023 में जदयू और राजद के विलय का प्रारूप तैयार है।
जदयू व राजद के मिलने से बड़ी मेजॉरिटी
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और राजद के मिलने से तेजस्वी यादव को बड़ी मेजॉरिटी का नेतृत्व बिहार में मिलेगा। राजद के पास अभी 79 विधायक हैं और जदयू के पास 45 विधायक हैं। दोनों के मिलने से 124 विधायकों की पार्टी हो जाएगी। कांग्रेस और वामदलों का समर्थन तो पहले से ही है। लेकिन अपने बूते तेजस्वी सीएम बन जाएंगे। राजगोपालन का दावा है कि फरवरी 2023 में दोनों पार्टियों का विलय पूरा हो जाएगा।
जगदानंद ने भी दिया था विलय का इशारा
वैसे तेजस्वी यादव के सीएम बनने का इशारा राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पहले ही कर चुके हैं। जगदानंद सिंह ने कहा था कि 2023 में सीएम नीतीश कुमार इस्तीफा दे देंगे। और तब तेजस्वी यादव सीएम बन जाएंगे। जगदानंद ने इसके अलावा कुछ नहीं बताया था। लेकिन राजगोपालन के दावे और खुलासे से लग रहा है कि जगदानंद का इशारा भी विलय की ओर ही था।
मनोज झा ने बनाया विलय का प्रारूप
राजगोपालन का दावा है कि जदयू और राजद के विलय का प्रारूप तैयार करने के पीछे राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि दो सांसदों से उनकी बात हुई है। दोनों ने बातचीत में इसकी पुष्टि भी की है। राजगोपालन का यह भी कहना है कि एक संभावना यह भी है कि तेजस्वी यादव विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दें।