इस साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election 2024) होना है, उनमें झारखंड भी एक है। झारखंड का चुनाव महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यहां केंद्र में सत्तासीन भाजपा बैकफुट पर है। 2019 में भाजपा को हराकर झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद ने मिलकर झारखंड में सरकार बनाई। लेकिन अब एक बार फिर चुनाव सामने है तो दोनों गठबंधनों के बीच हालात पर नजर रखी जा रही है। अगर झारखंड विधानसभा की राजमहल सीट का इतिहास देखें तो यह भाजपा का गढ़ रही है। यह अलग बात है कि बिहार से अलग होने के बाद 2005 में राजमहल विधानसभा सीट के लिए हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के थॉमस हंसदा ने बाजी मारी। लेकिन उसके बाद हुए तीन चुनावों में भाजपा जीती।
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राजमहल विधानसभा सीट पर चौथी बार जीत की कोशिश में भाजपा
भाजपा के लिए राजमहल सीट पर इतिहास शानदार रहा है। 2005 का विधानसभा चुनाव छोड़ दें तो 2009, 2014 और 2019 तीनों चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार जीते हैं। इसलिए भाजपा की कोशिश रहेगी कि 2024 के चुनाव में लगातार चौथी पर भाजपा जीते। 2005 में कांग्रेस के थॉमस हंसदा 11,176 वोटों से जीते थे। तब निर्दलीय अरुण मंडल दूसरे स्थान पर रहे थे। 2009 में अरुण मंडल भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और 10,403 वोटों से जीत गए। तब झारखंड मुक्ति मोर्चा के मो. ताजुद्दीन दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के थॉमस हंसदा को तीसरा स्थान मिला था। इसके बाद 2014 में राजमहल विधानसभा सीट से भाजपा ने अनंत कुमार ओझा को टिकट दिया। अनंत कुमार ओझा 2014 में भी जीते और 2019 में भी।
महागठबंधन के सामने राजमहल विधानसभा में पशोपेश
राजमहल विधानसभा सीट पर भाजपा किसे उम्मीदवार बनाएगी यह दुविधा तो है ही लेकिन इससे बड़ी दुविधा महागठबंधन के दलों के बीच है। इसका कारण यह है कि महागठबंधन के दलों में सिर्फ कांग्रेस इस सीट पर 2005 में जीती थी। 2009 और 2014 में जेएमएम का उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा था। जबकि 2019 में आजसू के मो. ताजुद्दीन दूसरे स्थान और जेएमएम के किताबुद्दीन शेख तीसरे स्थान पर रहे थे। इस लिहाज से जेएमएम यह कहते हुए दावा बनाने की कोशिश करेगी कि वो पिछले तीन चुनावों से इस सीट पर लड़ रही है। जबकि कांग्रेस ने 2014 और 2019 का चुनाव राजमहल सीट पर नहीं लड़ा है। जबकि कांग्रेस की कोशिश होगी कि इस सीट पर जीत उसने दर्ज की है तो इस बार मौका उसे मिले। अब यह देखना होगा कि टिकट का बंटवारा आसानी से होता है या उसमें भी खींचतान होती है।