देश के 6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के बाद इसे नतीजे भी आ गए हैं। इन 7 विधानसभा सीटों में बिहार की दो महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, उड़ीसा, उतर प्रदेश की एक-एक सीट शामिल है। इनमें से चार सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल कर ली। जबकि अन्य तीन सीटों पर राजद, टीआरएस और शिवसेना के उद्धव गुट जैसी क्षेत्रीय पार्टियों ने बाजी मारी। अब सवाल यह उठता है कि भाजपा को केंद्र के साथ गुजरात, हिमाचल और दूसरे राज्यों की सत्ता से हटाने का दम भरने वाली कांग्रेस का दम इन चुनावों में कैसे निकल गया। कांग्रेस ने तो अभी अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के जरिए चुना। लगा कि कार्यकर्ता पूरे चार्ज होंगे। लेकिन नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का स्वागत हार से हुआ है और वो भी शर्मनाक। ऐसे में गुजरात और हिमाचल में कांग्रेस क्या कर सकेगी, इस पर भी सवाल उठने लगे हैं।
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एक ही चुनाव में कांग्रेस के दो स्तंभ ध्वस्त
अभी जिन सीटों पर उपचुनाव हुए, उसमें कांग्रेस के हारने की खबर तो बस ट्रेलर है। पूरी कहानी ये है कि एक ही उपचुनाव में कांग्रेस के दो स्तंभ ध्वस्त हो गए। हरियाणा में आदमपुर और तेलंगाना में मुनुगोडे उन सीटों में शामिल हैं, जिन्हें कांग्रेस के लिए स्तंभ के रूप में देखा जाता था। लेकिन दोनों सीटों पर कांग्रेस हार गई। आदमपुर सीट तो भाजपा के खाते में चली गई। जबकि मुनुगोडे पर टीआरएस ने कांग्रेस को चलता कर दिया। मुनुगोडे सीट हारने का गम और ज्यादा होगा क्योंकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जिस भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं, उसका पड़ाव कुछ दिन पहले तेलंगाना में ही था। इसके बावजूद कांग्रेस वो लहर नहीं बना सकी।
धामनगर में टॉप 3 से बाहर हुई कांग्रेस
बात करें ओडिशा के धामनगर सीट की तो यहां भी कांग्रेस का प्रदर्शन खराब नहीं बहुत खराब हुआ है। इस सीट पर कांग्रेस पार्टी चौथे स्थान पर आ गई। जबकि भाजपा ने यह सीट जीत ली।