समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अब परिवार से लेकर पार्टी तक उनके बेटे अखिलेश के जिम्मे है। पार्टी तो अखिलेश यादव ने पहले ही संभाल ली थी। मुलायम के रहते ही अखिलेश सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन चुके थे। लेकिन मुलायम के निधन के बाद परिवार की एकता को बनाए रखना भी अखिलेश की जिम्मेदारी हो गई है। मुलायम के रहते ही अखिलेश और शिवपाल सिंह यादव के बीच की दूरियों ने परिवार को दो हिस्सों में बांट दिया था। लेकिन अब कोशिश ये हो रही है कि परिवार को हर हाल में एक किया जाए। वैसे मुलायम परिवार के इस सुर एक करने की कवायद में फायदा लालू यादव को हो रहा है।
6 विधानसभा और 1 लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा, 5 दिसंबर को मतदान
मैनपुरी सीट पर लालू के दामाद का दावा मजबूत
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी संसदीय सीट मैनपुरी खाली हो चुकी है। चुनाव आयोग ने शनिवार को ही मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा की है। यह सीट मुलायम परिवार का गढ़ मानी जाती है। 1996 के बाद से यह सीट हर बार समाजवादी पार्टी के खाते में रही है। 1996 में मुलायम सिंह यादव इस सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद 1998 और 1999 में समाजवादी पार्टी के ही चौधरी बलराम सिंह यादव इस सीट से चुने गए। इसके बाद यह सीट पूरी तरह मुलायम परिवार के पास रही। तब से मुलायम के अलावा धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव इस सीट से सांसद चुने गए। तेज प्रताप यादव ही लालू यादव के दामाद हैं। इस बार हो रहे उपचुनाव में उनका दावा मजबूत है।
अखिलेश के विश्वस्त, शिवपाल से भी मधुर संबंध
लालू यादव के दामाद तेज प्रताप यादव का मैनपुरी पर दावा सबसे मजबूत दिख रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अखिलेश चाहेंगे कि मैनपुरी में कोई क्लैश न हो और यह सीट पूरी तरह परिवार के पास ही रहे। तेज प्रताप यादव अभी सांसद नहीं हैं। जबकि मैनपुरी से 2014 में सांसद रह चुके हैं। ऐसे में उनका दावा मजबूत है। इसके अलावा चर्चा यह भी है कि शिवपाल सिंह यादव भी मुलायम की जगह इस सीट से लोकसभा जाना चाहते हैं। लेकिन अभी अखिलेश शायद ही चाहें कि शिवपाल सीधे मुलायम की सीट से लोकसभा जाएं। दूसरी ओर शिवपाल से तेज प्रताप यादव के भी संबंध मधुर हैं। ऐसे में शिवपाल तेज प्रताप के लिए यह सीट छोड़ भी सकते हैं।
नहीं बनी बात तो डिम्पल को मिल सकता है मौका
तेज प्रताप यादव और शिवपाल यादव के बीच अगर अखिलेश के मन मुताबिक बात नहीं बनी। तो यह भी संभावना जताई जा रही है कि अखिलेश मैनपुरी से अपनी पत्नी डिम्पल यादव को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। वैसे दावेदार कौन होगा यह अगले कुछ दिनों में ही तय हो जाएगा। क्योंकि 19 नवंबर तक मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए नामांकन भरना है। मतदान पांच दिसंबर को है और नतीजा 8 दिसंबर को जारी होगा।