लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता पक्ष में बैठी भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने I.N.D.I.A. का गठन तो कर लिया, लेकिन बार-बार असहमतियों के ब्रेकर विपक्षी नेताओं की नींद उड़ा रही है। अभी बिहार में आए गृह मंत्री अमित शाह ने तेल-पानी वाले बयान में विपक्षी नेताओं को ऐसा उलझाया कि कई सेफोलॉजिस्ट यहां तक कहने लगे कि नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल सकते हैं। नीतीश कुमार पाला बदलेंगे कि नहीं, यह तो वे ही जानें लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि विपक्ष के दलों के अपने नखरे भी कम नहीं हैं, जो अलग अलग मुद्दों पर उभर कर सामने आ जाते हैं। कम से कम तीन मुद्दे ऐसे हैं, जिस पर विपक्षी दलों के आपसी सहमति अब तक नहीं है।
जातीय जनगणना पर एकमत नहीं
विपक्षी दलों के गठबंधन में वैसे तो 26 दल शामिल है। लेकिन ये सभी दल कई मुद्दों पर एकमत नहीं हैं। इसमें बड़ा मुद्दा जातीय जनगणना का है। जदयू और राजद तो बिहार में अपनी सरकार में जातीय जनगणना करा रही हैं। समाजवादी पार्टी और डीएमके के साथ कांग्रेस भी इसके पक्ष में ही बयान देती है। लेकिन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और उद्धव गुट शिवसेना इस पर सहमत नहीं हैं। विपक्षी दलों की बैठक में बार बार तृणमूल के विरोध पर ही जातीय जनगणना को मुख्य एजेंडे में शामिल नहीं किया जा रहा है।
मीडिया के एंकर्स पर बैन से जदयू नाखुश
I.N.D.I.A. ने देश के 14 मीडिया एंकर्स के शोज में अपने प्रवक्ताओं को बैन कर दिया गया है। इन एंकर्स को बैन करने पर कांग्रेस, राजद उत्साहित है और उसके प्रवक्ता इसे खूब प्रचारित भी कर रहे हैं। लेकिन जदयू मीडिया के एंकर्स पर लगे बैन से नाखुश है। खुद नीतीश कुमार ने इस मामले पर अपनी आपत्ति जताई है। नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर कहा कि मीडिया पर आजादी के पक्ष में हम हैं। मीडिया को आजादी मिलेगी, तो जो मन होगा लिखा जाएगा। हम किसी के खिलाफ नहीं है। बैन गलत बात है।
पीएम उम्मीदवार पर चर्चा ही नहीं
विपक्षी दलों के गठबंधन में असहमति का सबसे बड़ा मुद्दा पीएम उम्मीदवार को लेकर है। पीएम उम्मीदवार कौन होगा, इस पर निर्णय तो दूर विपक्ष के दल अभी तक चर्चा भी नहीं कर पाए हैं। कभी नीतीश कुमार को पीएम का उम्मीदवार बनाने की दिशा में हवा बहने लगती है। तो राहुल गांधी तो एक उम्मीदवार हैं ही। ममता बनर्जी और दूसरे नेता भी पीछे नहीं हैं। समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने तो एक बार यहां तक कह दिया है कि पीएम उम्मीदवार के लिए हमारे पास महिला, पुरुष, युवा, बुजुर्ग सभी प्रकार के उम्मीदवार हैं। हालांकि वे भी एक नाम नहीं बोल पाए। जबकि इतना तो स्पष्ट है कि पीएम तो एक ही व्यक्ति बनेगा।