कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर वैसे नेताओं में हैं, जिनके बयान हमेशा ही सुर्खियों में आ जाते हैं। इस बार मणिशंकर ने अपनी आत्मकथा लिखी है, जिसका नाम ‘मेमोयर्स ऑफ ए मावेरिक- द फर्स्ट फिफ्टी इयर्स (1941-1991)’ रखा है। इस किताब में मणिशंकर अय्यर ने अपने नजरिए से देश की राजनीति के बारे में बताया है। अय्यर की किताब के कई हिस्से उनकी पार्टी कांग्रेस को भी चुभने वाले हैं। गांधी-नेहरु परिवार को लेकर कांग्रेस किस कदर संजीदा रहती है, यह सभी जानते हैं। लेकिन मणिशंकर अय्यर ने अपनी आत्मकथा के विमोचन कार्यक्रम में कुछ हमले राजीव गांधी के फैसलों पर भी किए हैं।
“राम मंदिर का शिलान्यास कर राजीव गांधी ने गलती की”
मणिशंकर अय्यर ने कहा कि “मुझे लगता है कि राम मंदिर का शिलान्यास गलत था। मुझे लगता है कि राजीव गांधी ने आरके धवन को पीएमओ में लाकर भयानक गलती कर दी थी, जिन्होंने तुरंत उस कार्यालय का राजनीतिकरण कर दिया।’ वैसे अय्यर और राजीव गांधी की करीबी पुरानी रही है। अय्यर 1985-1989 तक राजीव गांधी के पीएमओ का हिस्सा थे। इसके अलावा स्कूल-कॉलेज में भी दोनों साथ रहे थे। इस पुस्तक में अय्यर के दून स्कूल से लेकर सेंट स्टीफंस कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तक तथा एक शीर्ष राजनयिक से लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी तक के सफर के बारे में बताया है।
नरसिम्हा राव को बताया साम्प्रदायिक
इतिहास में यह दर्ज है कि भाजपा की ओर से पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। लेकिन मणिशंकर अय्यर ऐसा नहीं मानते हैं। उनका कहना है पीवी नरसिम्हा राव पहले भाजपाई पीएम थे, जबकि हकीकत यह है कि राव कांग्रेसी थे। अय्यर इस बात पर यह तर्क देते हैं कि नरसिम्हा राव सांप्रदायिक थे। अय्यर ने राव के साथ उस समय हुई बातचीत का जिक्र किया जब वह ‘राम-रहीम’ यात्रा निकाल रहे थे। अय्यर ने बताया “नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा कि उन्हें मेरी यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थे। मैंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है? उन्होंने कहा कि मणि तुम यह नहीं समझते कि यह एक हिंदू देश है। मैं अपनी कुर्सी पर बैठा हूं और कहा कि भाजपा बिल्कुल यही कहती है।”
राजीव गांधी पर नहीं था भरोसा
भारत के प्रधानमंत्री के रूप में राजीव गांधी के नाम आने के बारे में अय्यर ने मीडिया को बताया कि मुझे आश्चर्य हुआ कि एक कैसे इंडियन एयरलाइंस का एक पायलट देश को चला सकता है। लेकिन जब मैंने देखा कि वह इस देश को कैसे चलाते हैं, तभी मैं उनकी प्रशंसा करने लगा। अय्यर ने बताया कि मैं राजीव गांधी का विश्वासपात्र नहीं था। उन्होंने कभी मुझसे सलाह नहीं ली और किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर मेरी सलाह नहीं ली।