पटना नगर निगम के मेयर पद पर चुनाव हो रहा है। मतदान 28 दिसंबर को होना है। मौजूदा हालात में यह पहली बार है जब मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए जनता सीधे वोट करेगी। पटना का मेयर पद किस कदर पावरफुल रहा है, इसकी कहानी इतिहास के पन्नों में छुपी है। बात 80 के दशक की है। तब पटना के मेयर थे कृष्णनंदन सहाय। जिन्हें लोग केएन सहाय के नाम से भी जानते हैं। पटना शहर के बीचोबीच तारामंडल के ठीक सामने का उनका घर ‘सहाय सदन’ आज भी मशहूर है। CM समेत कई लोग वहां के अतिथि रहे। केएन सहाय का घर जितना शानदार और मशहूर है, सहाय जी शख्सियत उससे कहीं अधिक मशहूर रही है। मेयर केएन सहाय की धाक इतनी थी कि उन्होंने सामने से CM जगन्नाथ मिश्रा को लाइन में खड़ा कर दिया था।
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पहले MLC, फिर MLA, बाद में बने मेयर
आज भले ही मेयर पद पर बैठे लोग एमएलए, एमपी, एमएलसी बनने का ख्वाब देखते हों। केएन सहाय वैसे जो पहले मुजफ्फरपुर से MLC बने। फिर मुजफ्फरपुर की ही कुढ़नी सीट से विधायक बने। इसके बाद लगातार 6 चुनावों में पटना का मेयर चुने गए। उनकी साख ऐसी थी कि उनके घर चाय पीने सीएम भी जाया करते थे। दरअसल, सहाय सदन की चाय केएन सहाय के पिता पद्मभूषण श्यामनंदन सहाय के वक्त से ही मशहूर रही है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी वहां आ चुके हैं।
रोक दिया CM जगन्नाथ मिश्रा को
वैसे तो केएन सहाय अदब वाले इंसान थे। लेकिन एक बार उन्होंने तत्कालीन सीएम जगन्नाथ मिश्रा को रोक दिया। वाकया कुछ ऐसा है कि तत्कालीन PM इंदिरा गांधी बिहार दौरे पर आईं। पटना एयरपोर्ट पर उतरीं इंदिरा गांधी के स्वागत के लिए सरकार के तमाम टॉप लोग मौजूद थे। सीएम जगन्नाथ मिश्रा भी स्वागत के लिए पहुंचे थे। इंदिरा गांधी के प्लेन से उतरते ही सीएम जगन्नाथ मिश्रा स्वागत के लिए आगे बढ़े। यही बात केएन सहाय को चुभ गई और उन्होंने तत्काल सीएम को वहीं रोक दिया। तब वहां मौजूद हर शख्स हक्का-बक्का रह गया। जिनकी मीठी चाय के दीवाने सब थे, उनके इस कड़वे व्यवहार ने सबको सन्न कर दिया।
प्रोटोकॉल के साथ समझाया मेयर का पावर
पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी बिहार विधान सभा के शताब्दी वर्ष समारोह में आए थे। तब आयोजित समारोह में पटना की मेयर सीता साहू को पीछे की कुर्सी मिली तो इस पर कई सवाल उठे। केएन सहाय ने अपने वक्त में ये सवाल उठाने का मौका ही नहीं दिया। पीएम के स्वागत के लिए आगे बढ़े सीएम को रोककर मेयर केएन सहाय ने उन्हें प्रोटोकॉल और मेयर पद का पावर समझाया। उन्होंने बताया कि मेयर शहर का पहला नागरिक होता है। ऐसे में किसी राजकीय अतिथि के स्वागत का पहला अधिकार मेयर का होता है। केएन सहाय के इस बात के कहते ही सब सन्न रह गए। इस बीच केएन सहाय आगे बढ़े और इंदिरा गांधी का स्वागत किया।