बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दावा किया है कि नीतीश कुमार अब सात जन्म में भाजपा से नहीं मिलेंगे। ललन सिंह ने भाजपा को जी-भर कोसते हुए कहा कि भाजपा कोई पार्टी है? कोई काम किया है उसने जनता के हित में? ललन तो यहां तक बोल गए कि भाजपा की तरफ देख कर थूकना भी नहीं है। इसी के साथ ललन सिंह से ‘कसमनुमा’ एक ऐसा बयान निकला, जिससे मिलता जुलता बयान 10 साल पहले नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में दिया था।
ललन सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार अब सात जन्म में भाजपा से नहीं मिलेंगे। इसी बयान पर नीतीश कुमार का वो बयान याद आ गया, जो 2013 में पहली बार नीतीश कुमार और BJP का संबंध टूटने के बाद दिया गया था। नीतीश कुमार ने विधानसभा में एक बहस के दौरान कहा था कि मिट्टी में मिल जाएंगे, भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। हालांकि Nitish कुमार मिट्टी में तो नहीं मिले। समर्थन टूटने के चार साल बाद वापस भाजपा के साथ आ गए।
BJP के साथ रहते पहली बार केंद्र में मंत्री बने Nitish
नीतीश कुमार के लंबे राजनीतिक कॅरियर को देखें तो वे लगभग 6 साल से अधिक केंद्रीय मंत्री रहे हैं। पहली बार वे BJP की अगुवाई वाली सरकार में ही केंद्रीय मंत्री बने थे। 19 मार्च 1998 को वे पहली बार केंद्रीय मंत्री बने। तब पीएम अटल बिहारी वाजपेयी थे। उन्हें रेल मंत्री बनाया गया था। Nitish कुमार जितनी बार, जितने दिनों के लिए केंद्र में मंत्री बने पीएम के पद पर BJP के अटल बिहारी वाजपेयी ही थे।