18वीं लोकसभा के चुनाव के बाद नई सरकार ने कार्यभार संभाल लिया है। संसद सत्र भी शुरू हो गया है। सांसदों का शपथ ग्रहण और नए लोकसभा अध्यक्ष के चयन के बाद राष्ट्रपति का अभिभाषण भी पूरा हो चुका है। इस बीच विवाद पहले लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर हुआ। ओम बिरला ने स्पीकर के पदभार संभालने के बाद जब उन्होंने सदन को संबोधित किया तो इस दौरान इमरजेंसी का भी जिक्र हुआ। इमरजेंसी का जिक्र निश्चित तौर पर कांग्रेस के नेताओं को पसंद नहीं आया और इसके बाद कांग्रेस नेताओं की बॉडी लैंग्वेज बदली हुई है।
खरगे के आवास पर हुई INDI गठबंधन की बैठक… संसद में सरकार को घेरने की बनी रणनीति, ये मुद्दे होंगे अहम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल गांधी इस मामले में ओम बिरला से मुलाकात की है और नाखुशी जताई है। राहुल गांधी और ओम बिरला की यह मुलाकात 27 जून को हुई। इस दौरान राहुल गांधी ने ये भी कहा कि “यह पूरी तरह से राजनीतिक मुद्दा है, इससे बचा जा सकता था।” इस मुलाकात में राहुल गांधी के साथ सपा के धर्मेंद्र यादव, डिंपल यादव, डीएमके की कनिमोझी, एनसीपी (शरद पवार) की सुप्रिया सुले, राजद की मीसा भारती, टीएमसी के कल्याण बनर्जी और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन आदि सांसद भी मौजूद रहे।
दूसरी ओर कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में केसी वेणुगोपाल ने लिखा है कि “संसद के इतिहास में अध्यक्ष का पद अभूतपूर्व है। एक नवनिर्वाचित स्पीकर के ‘पहले कर्तव्यों’ में से एक के रूप में अध्यक्ष की ओर से यह (इमरजेंसी का जिक्र) आना और भी गंभीर हो जाता है। मैं इसे संसद की संस्थागत विश्वसनीयता पर प्रभाव डालने वाले एक बहुत ही गंभीर मामले के संदर्भ में लिख रहा हूं। मैं, कांग्रेस की तरफ से संसदीय परंपराओं के इस उपहास पर अपनी गहरी चिंता जताता हूं।”
ओम बिरला ने अपने भाषण में की थी इमरजेंसी की चर्चा
केसी वेणुगोपाल की चिट्ठी और राहुल गांधी की ओम बिरला से मुलाकात के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा यह है कि ओम बिरला द्वारा इमरजेंसी की चर्चा कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। पहले 26 जून को ओम बिरला ने इमरजेंसी की चर्चा की, इसके बाद 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपने भाषण में इमरजेंसी की चर्चा कर दी है। कांग्रेस इस चर्चा पर असहज है और भाजपा इस मौके को भुना सकती है। चूंकि कांग्रेस संविधान बचाने की बात कहते हुए भाजपा पर तंज करती है तो अब भाजपा भी कांग्रेस को इमरजेंसी की याद दिलाकर असहज करने का प्रयास कर सकती है।