कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद देश के राजनीतिक हालात बदले बदले से हैं। भाजपा की हार ने विपक्ष को संजीवनी दी है। तो कांग्रेस की जीत ने उसे आगे लड़ने का भरोसा और ताकत दोनों दी है। लेकिन लड़ाई जब लोकसभा चुनाव की ओर जा रही है तो अचानक हालात कुछ और ही दिखने लगे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देने की कोशिश कर रहे बिहार के सीएम नीतीश कुमार को सिर्फ 1 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं। जबकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ सिर्फ 4 प्रतिशत लोग हैं। वहीं लोकसभा सदस्यता खो चुके राहुल गांधी को 27 फीसदी लोग पीएम मेटेरियल मानते हैं। जबकि दो चुनावों में प्रचंड जीत के बाद पीएम बन रहे नरेंद्र मोदी 43 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं। यह खुलासा लोकनीति-सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) और एनडीटीवी के एक सर्वे में हुआ है। सर्वे सही हुआ तो विपक्ष और विपक्षी एकता के लिए झटका साबित हो सकता है। जबकि भाजपा के समर्थकों एक बार फिर कह सकते हैं “आएगा तो मोदी ही”।
‘हिट विकेट’ हो चुके नीतीश कुमार की ‘टीम’ का तीसरा विकेट भी गिरा
नेताओं ने अपनाया, जनता को समझ न आया
बिहार के सीएम नीतीश कुमार को उनकी पार्टी कई महीनों से विपक्षी एकता का चेहरा बनाने का प्रयास कर रही है। नीतीश कुमार खुद तो नहीं कहते कि वो पीएम बनना चाहते हैं। लेकिन विपक्ष को एकजुट करने के उनके प्रयासों को इसी दिशा में बढ़ाया गया कदम माना जा रहा है। नीतीश कुमार आधा दर्जन राज्यों में घूम चुके हैं। अन्य में भी जाने की उनकी तैयारी है। जहां जा रहे हैं, वहां के नेता उन्हें हाथों-हाथ ले रहे हैं। स्वागत कर रहे हैं, साझा प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार के प्रयास को सराहा जा रहा है। लेकिन जनता को नीतीश कुमार समझ नहीं आ रहे। इसके पीछे एक वजह ये हो सकती है कि उनका जनाधार जो है वो बिहार में ही है। बिहार में भी उनके पास राजद और कांग्रेस के साथ वाम दलों का गठबंधन है। ऐसे में नीतीश कुमार पीएम बनने के लिए कितनी सीटें अपनी पार्टी को दिला सकेंगे, यह सबसे बड़ा सवाल है। शायद यही कारण है कि सर्वे में नीतीश कुमार को पीएम पद के लिए पसंद करने वाले सिर्फ 1 फीसदी लोग ही हैं।
राहुल गांधी का ग्राफ बढ़ा, पर मोदी से बहुत पीछे
पीएम नरेंद्र मोदी अभी भी लोगों की पहली पसंद हैं। कम से कम लोकनीति-सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) और एनडीटीवी का सर्वे तो यही बता रहा है। यह सर्वे 19 राज्यों में कराया गया है। 10 से 19 मई के बीच हुए इस सर्वे में 43 फीसदी लोगों को पीएम मोदी ही पसंद आए हैं। 27 फीसदी लोगों की पसंद राहुल गांधी हैं। राहुल गांधी को पसंद करने वालों की संख्या 27 फीसदी तक तब पहुंची है जब कांग्रेस का वोट शेयर 10 प्रतिशत बढ़ा है। कांग्रेस का वोट शेयर 2019 में 19 प्रतिशत था। सर्वे के मुताबिक, 2023 में उसका वोट शेयर 29 प्रतिशत हो गया है। ऐसे में राहुल गांधी की लड़ाई 2024 के लिए अभी भी मुश्किल दिख रही है।
चुनौती देने वालों में राहुल नंबर 1
वैसे राहुल गांधी के लिए सर्वे में एक और खास बात यह है कि जनता की नजरों में पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देने वालों की सूची में राहुल गांधी पहले नंबर पर हैं। सर्वे में 34 प्रतिशत लोगों का मानना है कि पीएम नरेंद्र मोदी चुनौती राहुल गांधी ही दे सकते हैं। जबकि 9 फीसदी लोगों का मानना है कि पीएम मोदी को कोई चुनौती नहीं दे सकता। वहीं 11 फीसदी लोग अरविंद केजरीवाल को, 5 फीसदी लोग अखिलेश यादव को और 4 फीसदी लोग ममता बनर्जी को पीएम मोदी के लिए चुनौती मानते हैं।