अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है और 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसकी तैयारियां जोरों पर है। इस बीच युवा उद्यमी व योगायतन ग्रुप के निदेशक अमेय प्रताप सिंह की एक किताब चर्चा में है, जो विश्व के अलग अलग देशों में भगवान राम और रामायण की परंपरा को लेकर है। अमेय प्रताप सिंह की इस पुस्तक का नाम Ram : A Global History है। यह पुस्तक 22 जनवरी 2024 को ही लोकार्पित की जाएगी। इस संबंध में अमेय प्रताप सिंह ने बताया है कि इस पुस्तक में 11 अलग अलग देशों में रामायण की परंपरा के बारे में बताया गया है। उन्होंने बताया कि भगवान राम और रामायण जितने प्रचलित और मान्य भारत में हैं, उतने ही विश्व के कई देशों में हैं।
रामायण का इस्लामिक ट्रेडिशन भी मौजूद
अमेय प्रताप सिंह ने बताया कि परिवार के अंदर जो भी रिश्ते हैं, रामायण में सबके लिए कुछ न कुछ सीख है। रामायण हिंदू धर्म की एक समपूर्ण किताब मानी जाती है। लेकिन यह उन देशों में भी उतनी ही प्रचलित है, जहां हिंदुत्व का प्रभाव भारत जैसा नहीं है। इसमें इस्लामिक देश भी शामिल हैं। इंडोनेशन, मलेशिया और फिलीपींस में इस्लामिक ट्रेडिशन में रामायण प्रचलित है। इस पुस्तक में इन देशों में रामायण की पूरी परंपरा के बारे में बताया गया है। अमेय ने बताया कि रामायण अलग अलग देशों में अलग परंपरा में मौजूद है, लेकिन सबका सार एक ही है।
अमेय ने बताया कि कंबोडिया, त्रिनिदाद, मलेशिया, थाइलैंड, इंडोनेशन, फिलीपींस, म्यांमार, जापान, चीन, तिब्बत में रामायण की अलग परंपरा आज भी मौजूद है। हम कह सकते हैं कि जितने देश, उतने राम और उतने ही रामायण। अमेय ने बताया कि अलग अलग देशों में रामायण में कुछ कुछ बदलाव हैं। जैसे फिलीपींस में जो रामायण है, उसमें राम की सेना में वाटर बफैलो, क्रोकोडायल हैं। जबकि कुछ देशों में भगवान हनुमान इंसानों का रूप धारण कर लेते हैं।