नए साल में वैसे तो नौ राज्यों में चुनाव होने हैं। लेकिन इनमें सबसे खास हैं तीन राज्य- मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़। इनमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर तो कांग्रेस का कब्जा है। जबकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की बगावत ने भाजपा को सत्ता थमा दी। इन तीनों राज्यों में 2018 में चुनाव हुए थे। भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत के अभियान को इन तीनों राज्यों ने ऐसा रोका कि भाजपा की जीत में सीट का गणित खराब हो गया। इसके बाद से भाजपा ने लोकसभा चुनाव तो जीता लेकिन कई चुनाव हारी भी है। लेकिन 2018 में ऐसा क्या हो गया था, कि ये तीनों राज्य भाजपा से छिटक गए यह जानना दिलचस्प होगा। कहां सीट कम हुई और कैसे गड़बड़ी हुई, इसका कारण दिलचस्प है।
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आरक्षित सीटों में दो-तिहाई पर भाजपा को मिली हार
भाजपा की जीत को हार में बदल देने वाला मंत्र छुपा है आरक्षित सीटों के आंकड़े में। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आरक्षित सीटों की कुल संख्या 180 है। 2013 में इन तीनों राज्यों में भाजपा ने चुनाव तब जीता था, जब देश में कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद इन तीनों राज्यों में भाजपा इसलिए चुनाव हार गई क्योंकि आरक्षित 180 सीटों में 120 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार हार गए। यानि एक-तिहाई सीटों पर ही भाजपा जीत सकी। जबकि 2013 में भाजपा ने 77 फीसदी आरक्षित सीटों पर जीत दर्ज की थी।
मध्य प्रदेश में भाजपा ने गंवाई 26 आरक्षित सीटें
2018 में मध्य प्रदेश में जो चुनाव हुआ, उसमें भाजपा हार गई। कांग्रेस के अंदरुनी कलह का फायदा बाद में भाजपा ने उठा लिया और फिर राज्य में BJP की सरकार बन गई। उस चुनाव में भाजपा की हार का सबसे बड़ा कारण आरक्षित सीटों पर खराब प्रदर्शन था। 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में 82 आरक्षित सीटें हैं। 2018 के चुनाव में इनमें से 27 सीटें जीतीं। जबकि 2013 में भाजपा के पास इन 82 में से 53 सीटें थीं।
छत्तीसगढ़ में मिलीं सिर्फ 6 आरक्षित सीटों पर जीत
BJP के लिए 2018 में छत्तीसगढ़ खोने का दर्द कहीं अधिक है क्योंकि मध्य प्रदेश की तरह वहां सत्ता वापस नहीं आई। यहां भी हार का सबसे बड़ा कारण आरक्षित सीटों पर हार ही है। यहां कुल 39 आरक्षित सीटें हैं। इनमें ST के लिए 29 और SC के लिए 10 सीटें आरक्षित हैं। 2018 में भाजपा को इन 39 सीटों में से सिर्फ 6 पर जीत मिली जबकि 2013 में इन सीटों पर जीत का आंकड़ा 18 था।
राजस्थान में जीत का गणित आरक्षित सीटों ही उलझीं
राजस्थान विधानसभा में ST की 25 और SC की 34 सीटें आरक्षित हैं। यानी कुल आरक्षित सीटों की संख्या 59 है। 2018 के चुनावों में ST की 25 सीटों में से BJP को सिर्फ 10 पर जीत मिली। वहीं SC की 34 सीटों पर BJP ने एक दशक में सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए 2018 में सिर्फ 11 सीटें जीत सकी। जबकि 2013 में उसने 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी।