बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति देखें तो उपरी तौर पर सबकुछ स्पष्ट दिखेगा। नेताओं के प्रत्यक्ष बयानों से यही लगता है कि 2024 में नीतीश कुमार को JDU-RJD मिलकर पीएम पद तक पहुंचाने का प्रयास करेगी। बदले में नीतीश सीएम की कुर्सी तेजस्वी यादव को सौंप देंगे। लेकिन हकीकत में क्या होगा, यह कहना मुश्किल है। क्योंकि RJD को सीएम Nitish Kumar पर भरोसा नहीं है। Nitish Kumar बार बार कहते हैं कि 2025 का चुनाव तेजस्वी के नेतृत्व में महागठबंधन लड़ेगा। लेकिन नीतीश सरकार के लिए अपने समर्थन को राजद 2025 तक गिरवी नहीं रखना चाहती। कम से कम बिना कुछ पाए तो बिल्कुल नहीं।
नीतीश जो चाहते हैं उन्हें मिलने लगा, लेकिन लग गया सबकुछ दांव पर
RJD मांग रहा Nitish से CM पद की कुर्बानी
शिवानंद तिवारी हों या जगदानंद सिंह, उनके बयानों से यही स्पष्ट होता है कि उन्हें सीएम की नेमप्लेट पर अब तेजस्वी यादव का नाम चाहिए। डिप्टी सीएम पद भर से संतुष्टि नहीं है। शिवानंद तिवारी ने तो Nitish Kumar को संन्यास लेने की सलाह तक दे दी। तो जगदानंद सिंह भी पीछे नहीं रहे और कह दिया है कि पीएम का बड़ा पद पाने के लिए सीएम का छोटा पद नीतीश कुमार को छोड़ देना चाहिए। कुलमिलाकर राजद नेताओं की पूरी कोशिश यही है कि नीतीश सीएम पद की कुर्बानी देंगे, तभी RJD को नीतीश पर भरोसा होगा।
Nitish टाल रहे सीएम पद पर फैसला
RJD को डर है कि सीएम Nitish Kumar नए मुख्यमंत्री पद पर फैसला जानबूझ कर टाल रहे हैं। भले ही नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उनके बाद तेजस्वी ही बिहार संभालेंगे। लेकिन RJD को नीतीश कुमार के इस वादे पर भरोसा नहीं है। उनका मानना है कि तेजस्वी को 2025 में सीएम बनाने का वादा कर उतना वक्त जदयू को मजबूत करने के लिए लिया जा रहा है। गौर करें तो नीतीश कुमार भले ही अपनी ओर से राजनीतिक उत्तराधिकारी की घोषणा कर रहे हैं लेकिन तेजस्वी पूरे मुद्दे पर चुप हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि मीडिया में दिया गया हर बयान सच ही हो, यह जरुरी नहीं है।
सीएम पद के लिए RJD की रस्साकशी क्यों?
वैसे गौर करने वाली बात यह भी है कि आखिर RJD को तेजस्वी अभी ही सीएम पद पर क्यों चाहिए? सवाल गहरा है और इसका जवाब आने वाले लोकसभा चुनाव में छिपा हो सकता था। दरअसल, Nitish Kumar और RJD आज की तारीख में एक दूसरे की जरुरत हैं। जिस तरह नीतीश कुमार ने 2025 में तेजस्वी को नेता बनाने का लॉलीपॉप जदयू की तरफ से आया है वो लोकसभा चुनाव में अधिक सीटें पाने का जुगाड़ हो सकता है। लेकिन अगर ऐसा है तो राजद ने भी जदयू वाली चाल ही चल दी है। सीएम पद छोड़ने का दबाव बनाकर राजद, JDU को लोकसभा में सीटें कम मांगने पर मजबूर कर देने का प्रयास कर रहा है।