बिहार की राजनीति में हंगामाकाल चल रहा है। विधानमंडल में न प्रश्नकाल चल रहा और न उत्तरकाल, बस हंगामा काल चल रहा है। हंगामा भी ऐसा वैसा नहीं, कुर्सियां टेबल उठाए जा रहे हैं। तीन दिनों में 67 मिनट की कार्रवाई हुई और अब दो ही दिन शेष है। हंगामे की जड़ में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव हैं। भाजपा उनका इस्तीफा मांग रही है क्योंकि सीबीआई की चार्जशीट में उनका नाम है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में यह मामला 12 जुलाई को लिस्टेड था, लेकिन सुनवाई टल गई। अब यह सुनवाई 8 अगस्त को होगी। इस बीच कानूनी जानकारों ने यहां तक बता दिया कि सीबीआई की चार्जशीट एक्सेप्ट होती है तो यह संभावना बनेगी कि तेजस्वी यादव को बेल लेना पड़े। ऐसी स्थिति में क्या नीतीश कुमार उन्हें मंत्रिमंडल का सदस्य बनाए रखेंगे? या तेजस्वी भी ऐसी स्थिति में नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देंगे? इन्हीं दोनों कयासबाजियों के बीच अफवाह यह है कि किसी भी कारण तेजस्वी यादव को पद से हटना पड़ा तो बिहार को महिला डिप्टी सीएम मिल जाएगी।
अफवाह यह फैली हुई है कि किसी कानूनी या नैतिक दबाव में अगर तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम की कुर्सी छोड़ते हैं, तो उनकी पत्नी राजश्री यादव को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। यही नहीं अफवाह तो यहां तक है कि राजश्री भी सीधे डिप्टी सीएम ही बनेंगी।
अब बात करें उन संभावनाओं की, जिसमें राजश्री यादव के डिप्टी सीएम बनने के कितने आसार हैं। दरअसल, बिहार की राजनीति में पहली महिला मुख्यमंत्री देने वाला भी राजद रहा है। जब लालू यादव का चारा घोटाले में जेल जाना तय हो गया तो उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देकर अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बनवा दिया। ऐसे में संभावना यह दिखती है कि लालू की राह पर चलते हुए तेजस्वी भी ऐसा ही कुछ निर्णय ले लें।
दूसरी संभावना यह है कि राजश्री के अलावा लालू परिवार के पास कोई उपयुक्त उम्मीदवार भी नहीं है, जो तेजस्वी का रिप्लेसमेंट बन सकें। राबड़ी देवी सदन की सदस्य जरुर रही हैं, लेकिन सीएम रहने के बाद डिप्टी सीएम बनेंगी, यह थोड़ा मुश्किल फैसला होगा। मीसा भारती को दिल्ली की राजनीति में ही रखा गया है। तेजप्रताप यादव को लेकर राजद अभी इतना बड़ा दांव नहीं खेलेगा। ऐसे में राजश्री के मंत्रिमंडल में एंट्री बेहतर रास्ता हो सकती है।
हालांकि इन अफवाहों के बीच आपको तेजस्वी यादव का स्टैंड बता देते हैं। उन्होंने इस्तीफा देने से साफ मना कर दिया है। तेजस्वी यादव ने चार्जशीट में नाम आने को भाजपा का साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन से महागठबंधन की सरकार बनी थी उसी दिन हमलोगों ने कहा था कि भाजपा जांच एजेसिंयों का दुरुपयोग करना शुरू करेगी और हम पर भी कार्रवाई होगी। क्योंकि भाजपा को 2024 का डर लगा हुआ है। तेजस्वी के यह तेवर उनके इस्तीफे की अफवाह को अब तक अफवाह की ही श्रेणी में रखे हुए हैं। कम से कम उनकी बातों से तो कोई ऐसा संकेत नहीं मिल रहा कि वे इस्तीफा दे देंगे। सहयोगी दल जदयू तो एक कदम आगे जाकर तेजस्वी के समर्थन में है। मंत्री अशोक चौधरी ने तो यहां तक कह दिया कि एफआईआर होने पर ही इस्तीफा देने लगें तो भाजपा सभी पर एफआईआर कर देगी।