लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवारों की सूची भले ही नहीं बनी हो लेकिन मंथन जरूर शुरू हो चुका है। देश भर के राजनीतिक दलों ने अपना ठिकाना तय कर लिया है। भले ही अंतिम वक्त में भी फेरबदल की संभावना रहती है, लेकिन कमोबेश सभी दलों ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने गठबंधन को चुन लिया है। जिन्हें एनडीए में रहना है, उन्होंने मोदी गान शुरू कर दिया है तो जिन्हें I.N.D.I.A. में रहना है, उन्होंने मोदी विरोध का गान शुरू कर दिया है। वैसे बिहार से मोदी विरोधी लहर को एक सूत्र में बांधने की शुरुआत हुई है लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि इस एका की सूत्रधार बनी जदयू के लिए बिहार में भाजपा से पहले अपने सहयोगी राजद और कांग्रेस से ही लड़ाई बड़ी है। मामला सीट बंटवारा को लेकर फंस सकता है। क्योंकि सीट बंटवारा अभी तक हुआ नहीं है।
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सीटों के बंटवारे पर जिच बरकरार
वैसे तो I.N.D.I.A. के गठन के साथ ही इसमें शामिल दलों के नेता कह रहे हैं कि हम भाजपा और एनडीए के लिए एक ही उम्मीदवार देंगे। साथ ही उनका यह भी कहना है कि जल्दी ही सीटों का बंटवारा कर यह तय हो जाएगा कि कौन कहां से लड़ेगा। लेकिन बिहार में तो पहले से ही क्लियर है क्योंकि बिहार की ऐसा स्टेट है, जहां I.N.D.I.A. में शामिल जदय, राजद और कांग्रेस पहले से ही एनडीए के खिलाफ हैं। इसके बावजूद बिहार में सीटें तय नहीं हुई हैं।
आपस में होगी सिर-फुटौव्वल!
सीटों का बंटवारा ऐसा मुद्दा है जिसपर बिहार में I.N.D.I.A. के घटक दलों के आपस में ही भिड़ने की संभावना है। या यूं कहें कि भाजपा और एनडीए से लड़ने से पहले जदयू, राजद और कांग्रेस पहले आपस में ही लड़ेंगे। इसका कारण है पिछला लोकसभा चुनाव। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस तो एक साथ थे, लेकिन जदयू इनके खिलाफ थी। इस बार तीनों साथ हो गए हैं। ऐसे में कौन कितनी सीटें और कौन सी सीटें लेगा इसी पर असली बवाल है।
कांग्रेस के साथ 6, राजद के साथ 8 सीटों पर फंसा है पेंच
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 में जदयू को कुल 17 सीटें लड़ने को मिली थीं। जदयू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 16 सीटों पर जीत हासिल की। 2019 की वह जीत ही बिहार में I.N.D.I.A. की नई फांस है। क्योंकि सीटों के बंटवारे में पिछले चुनाव का नतीजा जरूर देखा जाएगा। 2019 के चुनाव में जदयू ने 5 सीटों पर कांग्रेस को हराया था। जबकि कांग्रेस ने जदयू को सिर्फ किशनगंज सीट पर हराया था। यानि जदयू और कांग्रेस पिछले चुनाव में 6 सीटों पर सीधे आमने-सामने थे। तो दूसरी ओर राजद और जदयू की सीधी टक्कर 8 सीटों पर हुई थी। इसमें सभी सीटें जदयू ने ही जीती थी। 2024 के चुनाव में जदयू को 15 सीटें मिलने की संभावना है तो क्या वो सभी सीटें राजद-कांग्रेस छोड़ देंगे, जिस पर 2019 में जदयू को जीत मिली थी? असली पेंच इसी पर है।
2019 में इन सीटों पर हुआ था जदयू-कांग्रेस का सीधा मुकाबला
- वाल्मीकिनगर
- सुपौल
- किशनगंज
- कटिहार
- पूर्णिया
- मुंगेर
इन सीटों राजद-जदयू के बीच 2019 में हुई थी सीधी टक्कर
- सीतामढ़ी
- झंझारपुर
- मधेपुरा
- गोपालगंज
- सीवान
- भागलपुर
- बांका
- जहानाबाद