लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा और एनडीए से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों ने गठबंधन तो बना लिया। लेकिन गठबंधन का कौन सा दल किस सीट पर चुनाव लड़ेगा, इसके निर्णय में लगातार देरी हो रही है। नीतीश कुमार जैसे नेता बार बार सीटों के जल्दी बंटवारे की बात कर रहे हैं, लेकिन उनकी बात अब तक अनसुनी ही की गई है। पहली बैठक से लेकर तीसरी बैठक तक में नीतीश कुमार जिन बातों को लेकर स्पष्ट रहे हैं, उनमें भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का दावा करने के अलावा सीटों के बंटवारे की मांग ही है। नीतीश की इस मांग के पीछे उनकी मजबूरी है क्योंकि बात हो तो रही है देश भर के स्तर पर संयुक्त विपक्ष की लेकिन बिहार में उनके अपने सहयोगियों के अरमान ही संभल नहीं रहे।
दावेदारियों ने किया परेशान
भाजपा और एनडीए के खिलाफ बना I.N.D.I.A. का स्वरूप ऐसा है कि बिहार की दलीय स्थिति पर कोई असर नहीं होने वाला। ऐसा इसलिए क्योंकि I.N.D.I.A. में शामिल राजद, जदयू, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन बनने से पहले से ही बिहार में एक साथ हैं। इन्हीं की साझा सरकार अभी चल भी रही है। जदयू के साथ राजद और कांग्रेस तो पूरी तरह सरकार में शामिल भी हैं। इन तीनों दलों के पास मंत्रालय है। जबकि लेफ्ट पार्टियां बिना सरकार में शामिल हुए सरकार को समर्थन दे रही हैं। यह बात तो हुई बिहार के स्तर की लेकिन लोकसभा चुनाव करीब आता देख इन सहयोगी दलों के नेताओं के अरमान जाग गए हैं। I.N.D.I.A. की बैठकों में तय हो चुका है कि सीटों पर बंटवारा राष्ट्रीय स्तर पर तय होगा, उसके बावजूद बिहार में गठबंधन के ही दल अपनी दावेदारियों से नीतीश कुमार को परेशान कर रहे हैं।
कांग्रेस-माले ने ठोक दिया है दावा
दावेदारी करने में लेफ्ट पार्टियों के साथ कांगेस भी शामिल है। सीपीआई एमएल ने लोकसभा में कम से कम पांच सीटों पर दावा किया है। जबकि कांग्रेस की दावेदारी सीपीआईएमएल के मुकाबले दोगुनी यानि 10 सीटों की है। राजद ने इसमें नीतीश कुमार को सुकून दिया हुआ है कि वहां से किसी भी नेता ने सीटों पर कोई दावा नहीं किया है। लेकिन कांग्रेस और सीपीआईएमएल के दावे नीतीश-तेजस्वी की टेंशन बढ़ा रहे हैं। क्योंकि दावा उधर से होगा, तो जवाब इधर से मिलने के चांसेज बढ़ेंगे। इसी दावा और जवाबी दावा में बातें उलझतीं हैं। यह दावा इसलिए भी उलझाने वाला है क्योंकि दावे के अनुसार अगर नीतीश-तेजस्वी कांग्रेस व सीपीआईएमएल को सीटें दे दें तो इन दोनों के पास सिर्फ 25 सीटें ही लड़ने को बचेंगी।
कांग्रेस ने इन सीटों पर ठोका है दावा
- किशनगंज
- बेगूसराय
- सासाराम
- समस्तीपुर
- कटिहार
- सुपौल
- पूर्वी चंपारण
- नवादा
- दरभंगा
- मधुबनी
सीपीआईएमएल ने इन सीटों पर किया है दावा
- आरा
- सीवान
- काराकाट
- जहानाबाद
- पाटलिपुत्र