राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। लड़ाई द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा के बीच ही रहने के आसार हैं। हालांकि दोनों ने नामांकन अभी तक नहीं किया है। वैसे नामांकन के लिए 29 जून तक का वक्त है। लेकिन वोटों का गणित ऐसा हो चुका है कि लड़ाई से पहले उम्मीदों के बंधने और टूटने से हम-आप रोक नहीं सकते। वोट तय हैं और वोटिंग से पहले दलों के प्रमुख नेता अपने दल की स्थिति सबके सामने ला दे रहे हैं। ऐसे में किसका पलड़ा भारी है, ये लगभग तय।
मौजूदा परिस्थिति में NDA उम्मीदवार कहीं आगे
राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए 5,40 लाख से ज्यादा वोट चाहिए। अलग अलग राज्य में विधायकों का वोट वैल्यू कम-ज्यादा है। लेकिन सांसदों का वोट वैल्यू 700 फिक्स है। द्रौपदी मुर्मू के बाद बीजू जनता दल एनडीए से बाहर होते हुए भी NDA उम्मीदवार को समर्थन देगा। ऐसे में एनडीए का वोट वैल्यू 5.63 लाख से अधिक हो जाएगा। यानि विपक्ष के उम्मीदवार बनने से पहले यशवंत सिन्हा की उम्मीदों को झटका लग सकता है। हालांकि राजनीति में कुछ भी हो सकता है। इसलिए परिणाम तय नहीं है। क्योंकि दलों की रजामंदी के बाद भी इस चुनाव में कोई पार्टी व्हिप जारी नहीं कर सकती। विपक्ष के पास कौन है, किनको विपक्ष अपने पास लाना चाहता है, इसके लिए ग्राफिक्स देखें.