चुनावी मौसम में बात का बतंगड़ बनते देर नहीं लगती। कुछ ऐसा ही तेजस्वी यादव के साथ हुआ है। तेजस्वी यादव घूम तो रहे हैं चुनावी प्रचार में लेकिन उनका मुकेश सहनी के साथ लंच करते हुए एक वीडियो पोस्ट करना राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया। तेजस्वी ने वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया है कि यह वीडियो 8 अप्रैल का है। लेकिन यह वीडियो पोस्ट किया गया है 9 अप्रैल की रात को। इसी तारीख के फेर में बात का बतंगड़ बन गया। क्योंकि 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई और नवरात्रि में मछली खाते हुए वीडियो पोस्ट करने को धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ मानने वालों की कमी नहीं है।
आरजेडी का बैनर लगा कर रहे थे इफ्तार पार्टी, आचार संहिता उल्लंघन का मामला हुआ दर्ज
तेजस्वी यादव के एक्स हैंडल से इस वीडियो के पोस्ट होने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस पर आपत्ति दर्ज की। बिना किसी का नाम लिए विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कुछ लोग सनातन के सन्तान बनते हैं तो उन्हें सनातन का संस्कार भी अपनाना चाहिए, लेकिन वे अपना नहीं पाते हैं।
विजय सिन्हा के कमेंट के बाद तेजस्वी ने बुधवार को अपनी पुरानी पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि “भाजपाइयों और गोदी मीडिया के भक्तों के IQ का टेस्ट लेने के लिए ही हमने यह video डाला था और हम अपनी सोच में सही भी साबित हुए। ट्वीट में “दिनांक” यानि Date लिखा हुआ है, लेकिन बेचारे अंधभक्तों को क्या मालूम? आख़िर में सहनी जी द्वारा मिर्ची लगने का भी जिक्र किया गया है।”
वैसे तो तेजस्वी ने अपने नए ट्वीट में यह बताने की कोशिश की है कि वे नवरात्रि में मछली नहीं खा रहे हैं बल्कि एक दिन पहले खा रहे थे। लेकिन यूजर्स ने कमेंट में तेजस्वी को यह बखूबी बताया है कि एक दिन पहले भी नहीं खाना चाहिए। एक यूजर ने लिखा है कि “आज नवरात्रों का पवन दिन शुरू हुआ है उसे इन्हें कोई मतलब नहीं एक दिन पहले यह महाशय मछली खा रहे थे।”
वैसे तेजस्वी यादव के परिवार का नॉन वेज प्रेम किसी से छुपा नहीं है। लेकिन इन दिनों इसी नॉन वेज प्रेम के कारण यह परिवार विवादों में भी आ जाता है। अभी तेजस्वी यादव नवरात्रि के कारण आए हैं। तो इससे पहले राहुल गांधी को सावन के महीने मटन खिलाते लालू यादव विवादों में आए थे।