उत्तराखंड में सोमवार को मुख्यमंत्री पद के लिए नाम तय हो गया। जिस चेहरे को आगे कर भाजपा ने चुनाव लड़ा और जीता, सेहरा उसे ही पहना दिया। तय हो चुका है कि खटीमा से अपनी सीट पर चुनाव हारने के बाद भी पुष्कर सिंह धामी ही उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। इस घोषणा की संभावना भी थी। लेकिन पहाड़ों वाले प्रदेश उत्तराखंड में कुर्सी पाने से ज्यादा मुश्किल उस पर टिके रहना है। दो दशक भर पुराने इस प्रदेश का इतिहास बताता है कि सिर्फ एक ही मुख्यमंत्री ने यहां कार्यकाल पूरा किया है। नजरें अब पुष्कर सिंह धामी पर हैं क्योंकि पिछले पांच साल में भाजपा ने उन्हें तीसरे विकल्प के रूप में चुना था। अगली विधानसभा में धामी पहले नंबर पर हैं। लेकिन रहेंगे कब तक, यह देखना दिलचस्प होगा।
260 दिन ही सीएम रहे हैं धामी
2017 में जब भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। सीएम बनाए गए त्रिवेंद्र सिंह रावत। लेकिन बीच सरकार से रावत की विदाई 3 साल और 357 दिन काम करने के बाद हो गई। नया विधानसभा चुनाव होने में अभी एक साल का वक्त था तो भाजपा ने नया सीएम बना दिया तीरथ सिंह रावत को। लेकिन नए वाले रावत भी पहाड़ों वाले राज्य में अपनी सीएम की कुर्सी संभाल नहीं सके। सिर्फ 116 दिन मुख्यमंत्री रहे तीरथ सिंह रावत हटा दिए गए। नया चेहरा पुष्कर सिंह धामी का है, जिन्हें पुरानी सरकार में 260 दिन का वक्त मिला।
हार के बाद ‘जीते’ धामी
2022 के विधानसभा चुनाव में धामी ने खटीमा सीट से चुनाव लड़ा। उनकी पार्टी भाजपा को तो पूर्ण बहुमत मिल गया लेकिन धामी खुद अपनी सीट हार गए। सीट हारने के बाद पहाड़ों वाले प्रदेश उत्तराखंड में नए सीएम फेस की तलाश शुरू हुई लेकिन ऐसा पहली बार हुअा जब कोई नेता सीएम के पद पर उत्तराखंड में रीपिट हो रहा है। उत्तराखंड का इतिहास बताता है कि यहां सीएम पद पर किसी नेता को लगातार दो बार मौका नहीं मिला। धामी ऐसा मौका पाने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं।
एनडी तिवारी ने पूरा किया कार्यकाल
उत्तराखंड में अभी तक 10 मुख्यमंत्री रहे हैं। इसमें सिर्फ कांग्रेस के एनडी तिवारी ने ही पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा किया। उनके बाद किसी मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ। 10 में से चार मुख्यमंत्री ऐसे रहे हैं, जिनका कार्यकाल एक साल से कम ही रहा है। जबकि तीन साल से कम कार्यकाल वाले 08 सीएम रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल
एनडी तिवारी : 05 साल 05 दिन
त्रिवेंद्र सिंह रावत : 03 साल 357 दिन
हरीश रावत : 02 साल 55 दिन
बीसी खंडूरी : 02 साल 111 दिन
रमेश पोखरियाल : 02 साल 75 दिन
विजय बहुगुणा : 1 साल 324 दिन
नित्यानंद स्वामी : 354 दिन
पुष्कर सिंह धामी : 260 दिन
भगत सिंह कोशयारी : 122 दिन
तीरथ सिंह रावत : 116 दिन