राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर के बीजेपी पहले ही चौंका चुकी है।अब उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए की तरफ से जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार घोषित किया। जो और भी चौंकाने वाला फैसला था। बड़े-बड़े राजनितिक पंडितों को भी इस नाम का बिलकुल भी आभास नहीं था। धनखड़ को उम्मीदवार बनाना BJP की बहुत सोची समझी रणनीति है। बीजेपी धनखड़ को उस तीर के रूप में देख रही है जिससे एकसाथ कई निशाने साधे जा सकते हैं।
जाटों को खुश करना
जगदीप धनखड़ राजस्थान के जाट समुदाये से आते हैं । बीजेपी इनके जरिए जाटों को खुश करना चाहती है। चूँकि जाट समुदाय पिछले कई वक्त से BJP से नाराज चल रहे हैं। जिसका खामियाजा बीजेपी को राजस्थान के चुनाव में उठाना पड़ा था। किसान आंदोलन के बाद जाटों की BJP से नाराजगी और ज्यादा बढ़ती गई। ये नाराजगी इसी तरह बड़ी होती रही तो कई राज्यों में BJP को धक्का लग सकता है। राज्यस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव भी होने है जहाँ जाट वोटरों की बहुलता है । जाटों को साध कर BJP राजस्थान में खोई सत्ता वापस पाना चाहती है। इसके अलावे हरियाणा और पश्चमी उतर प्रदेश में भी जाटों की बड़ी आबादी है। BJP अभी इनदोनों जगहों पर सत्ता में है और वो ये पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहती। क्योंकि इसका असर हरियाणा विधानसभा और फिर देश के लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा।
निशाने पर किसान भी
केंद्र सरकार को तीन कृषि कानून लाने के बाद किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। ये विरोध इतना प्रभावी था की सरकार को पैर पीछे खींचते हुए कृषि कानून को वापस लेना पड़ा। कानून वापस लेने के बाद भी किसानों की नाराजगी BJP खत्म नहीं हुई। धनखड़ के जरिए BJP किसानो को भी खुश करना चाहती है। इस बात की पुष्टि तब हो गई जब PM मोदी ने जगदीप धनखड़ को उम्मीदवारी की बधाई देने के लिए ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने धनखड़ को किसान पुत्र बताया है। जिससे साफ हो जाता है की बीजेपी निशाना कहाँ है।