रांची: विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने एक और सूची जारी की। इस सूची में कांग्रेस ने धनबाद विधानसभा सीट से अजय दुबे को टिकट दिया है, वहीं बोकारो सीट से श्वेता सिंह को उम्मीदवार बनाया है। मालूम हो कि, अजय दुबे 2014 में लोकसभा चुनाव धनबाद सीट से लड़ चुके हैं। उन्हें पशुपतिनाथ सिंह हराया था। बता दें कि कांग्रेस ने अभी तक तीन सूची जारी की है। पहली सूची में पार्टी ने 21 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। वहीं दूसरी सूची में सात उम्मीदवारों को टिकट दिया है। आज तीसरी सूची में पार्टी ने दो उम्मीदवारों को टिकट दिया है। अब कुल मिलाकर कांग्रेस ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए 30 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। बताते चलें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने पहले ही कहा था कि कांग्रेस 30 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ेगी।
वहीं बीजेपी इस सीट से बिरंची नारायण को टिकट दी है। बता दें 53 वर्षीय बिरंची नारायण तीसरी बार विधानसभा लड़ने जा रहे है। वह अपनी राजनीतिक यात्रा में नए मुकाम की ओर बढ़ रहे हैं। मालूम हो कि बोकारो झारखंड के बोकारो जिले में स्थित एक विधानसभा क्षेत्र है। यह धनबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रमुख पार्टियां हैं। यहां से बीजेपी के बिरंची नारायण वर्तमान में विधायक है। इन्होंने 2019 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीत दर्ज की थी। वहीं दूसरे स्थान पर झाविमो के समरेश सिंह का सथान रहा था। इस सीट से बीजेपी या झाविमो और झामुमों का दबदबा रहा है। वहीं अब झाविमों के विलय के बाद बीजेपी के पारंपरिक वोटर्स के सामने ईंडी गठबंधन का टिक पाना जरा टेढ़ी खीर लग रहा है। बता दें झारखंड में बोकारो विधानसभा सीट विशेष रूप से राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में महत्वपूर्ण राजनीतिक महत्व रखती है। इस सीट पर मतदाता की बात करें तो चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान बोकारो निर्वाचन क्षेत्र में 5,26,660 मतदाता थे। इसमें से 2,83,112 पुरुष और 2,43,518 महिला मतदाता थे। 30 मतदाता तीसरे जेंडर के थे। निर्वाचन क्षेत्र में 810 पोस्टल वोट डाले गए थे। 2019 में बाघमारा में सर्विस वोटरों की संख्या 1,549 (1459 पुरुष और 90 महिला) थी।
बात करें कांग्रेस की तो प्रत्याशी श्वेता सिंह कांग्रेस पार्टी की युवा और ऊर्जावान चेहरा हैं। वे समरेश सिंह की बहू है। ये वही समरेश सिंह हैं जिन्होने जेवीएम के टिकट पर 2009 के चुनाव में भारी जीत दर्ज की थी। हालांकि समरेश सिंह जेवीएम के नेता थे और जेवीएम अब बीजेपी में एकसार हो चुका है इसलिए पारंपरिक वोटर के लिए यह तय कर पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है कि वो अपने पुराने नेता के नाम के साथ उनकी बहू का समर्थन करें या अपनी पार्टी के नेता के साथ होकर अपने विचारो के साथ विश्वसनीयता प्रदर्शित करें। वैसे कांग्रेस के टिकट पर श्वेता को बोकारो में उनकी उम्मीदवारी को कांग्रेस द्वारा महिला वोटरों को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी के अनुसार, श्वेता सिंह का व्यक्तित्व और उनका दृष्टिकोण क्षेत्र के विकास के लिए फायदेमंद हो सकता है। वहीं भाजपा के नेता बिरंची नारायण भी अपनी सशक्त दावेदारी को लेकर पूरें आत्मविश्वास में हैं। अब देखना है कि बोकारो कि जनता किसे चुनकर बोकारो की बागडोर सोंपेगी।