सीएम की कुर्सी पर चेहरा बदलने का खेल नया नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने का ऐलान किया है। इस बीच दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिलेगा। इस कुर्सी पर कौन बैठेगा, यह तो अभी तय नहीं है। लेकिन इस कोशिश की सुगबुगाहट के साथ ही भारतीय राजनीति के तीन पुराने मामले चर्चा में आ गए हैं। पहला मामला बिहार का है, जहां लालू यादव ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर राबड़ी देवी को सीएम बनवाया था। दूसरा मामला भी बिहार का है, जिसमें सीएम नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनवाया था। तीसरा मामला झारखंड का है, जहां हेमंत सोरेन ने इस्तीफा देकर चंपाई सोरेन को सीएम बनवाया था। लेकिन लालू यादव और नीतीश-हेमंत के मामले में सबसे बड़ा अंतर यह है कि लालू यादव का दांव सफल हुआ था और नीतीश-हेमंत को अपने उत्तराधिकारी से पिंड छुड़ाकर सीएम की कुर्सी वापस लेनी पड़ी थी। ऐसे में सवाल अभी यह है कि आखिर अरविंद केजरीवाल किसकी राह चलेंगे।
चारा घोटाले में फंसे लालू ने पत्नी राबड़ी को बनवाया सीएम
लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री होते हुए चारा घोटाला में फंस गए। उन्हें इस्तीफा देना था और उन्होंने दे भी दिया। लेकिन बिहार का अगला सीएम राबड़ी देवी को बनवा दिया। राबड़ी देवी उसके बाद 2005 तक बिहार की मुख्यमंत्री बनी रहीं। विधान परिषद में राजद की नेता प्रतिपक्ष अभी भी बनी हुई हैं। 1997 में सीएम बनने से पहले राबड़ी देवी सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं थीं। लेकिन उसके बाद वे विधानसभा की सदस्य भी रहीं, लोकसभा का चुनाव भी लड़ा और विधान परिषद में तो अभी भी बनी हुई हैं।
चुनाव हारकर नीतीश ने छोड़ी थी कुर्सी
2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी जदयू के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्री रहे जीतन राम मांझी को सीएम बनवाया। लेकिन जीतन राम मांझी सीएम के पद पर रहते हुए नीतीश कुमार से दूर हुए। इसके बाद बड़े राजनीतिक ड्रामेबाजी में जीतन राम मांझी को हटवाकर नीतीश कुमार वापस सीएम बने लेकिन उसके बाद मांझी ने अपना दल बना लिया। अभी जीतन राम मांझी उसी एनडीए का हिस्सा हैं, जिसके सीएम नीतीश कुमार हैं।
गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने दिया था इस्तीफा
जमीन घोटाला मामले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया जाना था। इससे पहले उन्होंने इस्तीफा देकर पार्टी के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन को सीएम बनवा दिया। लेकिन जमानत पर बाहर निकलने के बाद हेमंत सोरेन वापस चंपाई सोरेन को हटाकर सीएम बन गए। इसके बाद नाराज चंपाई सोरेन ने पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ले ली।
लालू यादव, नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन तीनों ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी है लेकिन इनमें लालू यादव ने ही अपने परिवार के व्यक्ति को सीएम बनवाया। जबकि नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन ने परिवार से बाहर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भरोसा जताया। हालांकि राजनीतिक सफलता इन तीनों मामलों में से सिर्फ लालू यादव को ही मिली। शेष दोनों को राजनीतिक उठापटक झेलना पड़ा। अब अरविंद केजरीवाल के सामने भी यही दुविधा है कि अगर वे सीएम का पद छोड़ते हैं तो लालू यादव के मॉडल को अपनाते हुए अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल पर भरोसा जताते हैं या फिर अपनी पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेताओं में से किसी एक को आगे लाते हैं।