Uttar Pradesh में विधानसभा चुनाव समाप्त हो चुका है और रिजल्ट भी साफ है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के स्पष्ट बहुमत मिलने के कयास सकारात्मक मुकाम तक पहुंच गए हैं। योगी आदित्यनाथ फिर UP के CM बनेंगे। लेकिन इस बार CM बनने के साथ Yogi Adityanath कई पुराने मनगढंत मान्यताओं को तोड़ेंगे। दरअसल, भारतीय राजनीति में अंधविश्वास का एक बड़ा गढ़ उत्तर प्रदेश भी है। जहां के मुख्यमंत्री अपने ही राज्य के एक जिले में इसलिए नहीं जाते क्योंकि उन्हें लगता है कि वहां जाने वाला दुबारा सीएम नहीं बनता। यही नहीं तीन दशकों से अधिक समय से कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं पहुंची है। लेकिन इस बार भाजपा की जीत के साथ पुराने भ्रम, खोखले अंधविश्वास, सबके टूटने की बारी है।
NOIDA से दूर रहे हैं अखिलेश
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ से पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव थे और उससे पहले मायावती। दोनों ने अपना पांच सालों का कार्यकाल पूरा किया था। लेकिन पूरे कार्यकाल के दौरान Akhilesh Yadav कभी नोएडा नहीं गए। नोएडा के बारे में 29 साल पुराना अंधविश्वास है कि वहां जाने वाला मुख्यमंत्री दुबारा सत्ता में वापसी नहीं करता। शुरुआत 1988 में कांग्रेस के राज में हुई थी। तब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी और मुख्यमंत्री थे वीरबहादुर सिंह। वे नोएडा गए लेकिन अगली बार सत्ता की कुर्सी तक नहीं आ पाए। यही हाल नारायण दत्त तिवारी और कल्याण सिंह का भी हुआ। इसके बाद से यूपी के मुख्यमंत्रियों ने नोएडा जाने का कार्यक्रम बनाया ही नहीं।
मायावती ने किया था अंधविश्वास तोड़ने का प्रयास
उत्तर प्रदेश में पहली बार बहुजन समाज पार्टी को 2007 में पूर्ण बहुमत मिला। सरकार बनी और Mayawati मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिना किसी समझौते की पहुंची। इस कार्यकाल में चार साल बिताने के बाद 2011 में मायावती ने नोएडा जाने वाला अंधविश्वास तोड़ने का प्रयास किया। वे गईं भी लेकिन 2012 के चुनाव में हार गई। वो हार ऐसी रही कि उसके बाद मायावती उत्तर प्रदेश की भी सियासत के हाशिए पर चली गईं।
अखिलेश नहीं गए नोएडा फिर भी नहीं लौटे सीएम की कुर्सी पर
2012 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला। पहली बार अखिलेश यादव की ताजपोशी हुई। लेकिन ऑस्ट्रेलिया से पढ़े सीएम अखिलेश को नोएडा का अंधविश्वास पूरी तरह लपेटे रहा। नोएडा में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी का शिलान्यास अखिलेश को 2015 में करना था। लेकिन अखिलेश नहीं गए और लखनऊ में अपने आवास से ही कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। हालांकि तब अखिलेश ने कहा था कि वो नोएडा का अंधविश्वास तोड़ेंगे लेकिन ऐसा करने का उन्हें मौका नहीं मिला। क्योंकि नोएडा नहीं जाने के बाद 2017 में अखिलेश को यूपी की जनता ने सत्ता से बाहर कर दिया।
सीएम योगी जा चुके हैं नोएडा
योगी आदित्यनाथ 2017 में उत्तर प्रदेश के सीएम बने। इसके बाद उसी साल योगी आदित्य नाथ ने नोएडा जाने के अंधविश्वास को किनारे लगा दिया। योगी आदित्य नाथ ने नोएडा से साउथ दिल्ली को जोड़ने वाली मेट्रो प्रोजेक्ट का उद्घाटन नोएडा जाकर किया। इस बार उनके चुनाव जीतने और सत्ता में वापस लौटने से नोएडा का अंधविश्वास पूरी तरह टूट चुका है।
1985 के बाद दुबारा नहीं मिली सत्ता
उत्तर प्रदेश में एक यह भी अंधविश्वास है कि एक बार सीएम बनने के बाद कोई दुबारा सत्ता में वापस नहीं लौटता। यह अंधविश्वास उत्तर प्रदेश में 1985 से है। लेकिन इस बार भाजपा की जीत ने 37 साल पुराने इस अंधविश्वास को भी तोड़ दिया है।