रांची: “सेफ इंटरनेट डे” को लेकर जैप-आईटी सभागार में एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आईटी एवं ई-गवर्नेंस निदेशक श्री आदित्य रंजन ने कहा कि इंटरनेट हमारी जीवन शैली का हिस्सा है ,परंतु हमें सावधान और सतर्क रहकर इंटरनेट का उपयोग करना चाहिए। साइबर फ्रॉड एवं अन्य साइबर क्राइम को रोकने के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है। “सेफ इंटरनेट डे” भारत सरकार एवं राज्य सरकार की एक पहल है ताकि सभी नागरिकों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के लिए जानकारी दी जा सके।
निदेशक जेएसएसी श्रीमती आर॰ रोनीटा ने भी सभी विभागों के पदाधिकारियों तथा कर्मियों को सेफ इंटरनेट के प्रति जागरूक होने तथा समाज में सभी वर्गों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। दीपक कुमार, राज्य सूचना-विज्ञान पदाधिकारी एवं श्री ओमेश प्रसाद सिन्हा के द्वारा एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से आम जन मानुष के जीवन में इंटरनेट के उपयोग करने के दौरान आने वाले साइबर खतरा, साइबर स्वच्छता एवं साइबर सुरक्षा की विस्तृत जानकारी दी गई। राज्य सूचना-विज्ञान पदाधिकारी ने कहा कि आम जनता साइबर खतरा एवं साइबर स्वच्छता से जुड़े अधिक जानकारी https://staysafeonline.in से प्राप्त कर सकेंगे ।
डॉ प्रशांत कुमार सिन्हा, उप निदेशक एनआईसी झारखंड के द्वारा कई महत्वपूर्ण जानकारी ppt के माध्यम से दी गई । उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी नए नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। जिसमें डिजिटल अरेस्ट, अधिक रिटर्न का लालच देकर निवेश करना, विभिन्न तरह के ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म इत्यादि शामिल है। उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सुरक्षित तरीके से पैसे का ट्रांजैक्शन करें, सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल चार्जिंग, सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल करने से बचें, बिना जाने समझें अनजान लोगों के साथ रकम की लेनदेन नहीं करें, अनजान नंबर से आने वाले व्हाट्सएप कॉल एवं व्हाट्सएप वीडियो कॉल तथा इंटरनेशनल कॉल को रिसीव करने से बचें, स्वयं जागरूक बने एवं अपने परिवार को भी जागरूक करें।
साइबर अपराधी लोगों की अज्ञानता का फायदा उठाकर साइबर फ्रॉड करते हैं। साइबर फ्रॉड होने से 1930 नंबर पर कॉल करके तथा राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शीघ्र शिकायत दर्ज कराएं और ट्रांजेक्शन ब्लॉक कराएं। कार्यशाला में जानकारी दी गई कि अनजान लोगों के साथ ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड या बैंक की अन्य जानकारी साझा नहीं करें साथ ही अनजान नंबरों से आने वाली लिंक पर क्लिक नहीं करने, अनजान लोगों से पेमेंट पाने के लिए कयू.आर. कोड स्कैन नहीं करने व ओटीपी या पिन साझा नहीं करने, बैंक ट्रांजैक्शन करते समय सार्वजनिक वाईफाई का इस्तेमाल नहीं करने सहित आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, सोशल मीडिया, साइबर थ्रेटस, ऑनलाइन फ़्रॉड, डीप फेक, व्हाट्सएप्प सिक्योरिटी, डिजिटल अरेस्ट सहित अन्य मुद्दे पर चर्चा की गई। कार्यशाला में संयुक्त निदेशक शिव चरण बनर्जी, कल्याण विभाग, राजस्व विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारिगण भी मौजूद थें।