नई दिल्ली : ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते की संभावना ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत ने एक बयान में कहा है कि ईरान उच्च स्तर के संवर्धित यूरेनियम को त्यागने के लिए तैयार है, और ये बातचीत “प्रोत्साहनजनक” रही है। यह विकास 15 मई 2025 को सामने आया, जब दोनों देशों के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर गहन वार्ता चल रही थी।
इस समझौते का हिस्सा होने के नाते, ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने की संभावना भी है, जो ईरान के लिए एक प्रमुख प्रोत्साहन हो सकता है। हालांकि, इस बीच ईरान और इस्राइल के बीच तनाव चरम पर है, जहां ईरान ने कथित इस्राइली जासूसी के आरोप में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया है और कई को फांसी की सजा दी है। 26 जून 2025 को, संघर्ष विराम के एक दिन बाद ही तीन और लोगों को इस्राइल के लिए जासूसी के आरोप में फांसी दी गई।
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) के अनुसार, ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन विश्लेषकों और एजेंसी ने ईरान के उच्च स्तर के यूरेनियम संवर्धन पर सवाल उठाए हैं, जो सैन्य उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है। ईरान ने 2003 में अपने औपचारिक परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोक दिया था, लेकिन हाल के वर्षों में उसके यूरेनियम संवर्धन की गति में वृद्धि हुई है।
इस समझौते से मध्य पूर्व की सुरक्षा dynamics और अमेरिका-ईरान संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं। हालांकि, ईरान के अंदरूनी सुरक्षा चिंताएं और इस्राइल के साथ तनाव इन वार्ताओं को जटिल बना रहे हैं। दुनिया की नजरें अब इस पर हैं कि क्या ये बातचीत एक स्थायी समझौते में बदल पाएंगी या फिर क्षेत्रीय तनाव और बढ़ेगा।