नई दिल्ली: ईरान और इजराइल के बीच जारी तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल ने ईरान में 150 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया है, जबकि ईरान ने दावा किया है कि उसने इजराइली वायुसेना के तीन F-35 stealth विमानों को मार गिराया है।
इजराइल ने अपनी कार्रवाई को ईरान की सैन्य और परमाणु सुविधाओं पर सटीक हमले के रूप में वर्णित किया है, जो कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को बदलने की कोशिश है। दूसरी ओर, ईरान का दावा है कि उसकी वायु रक्षा प्रणाली ने इजराइली F-35 विमानों को रोक लिया और एक पायलट को भी पकड़ लिया गया है।
इस घटनाक्रम से मध्य पूर्व में तनाव और बढ़ गया है, जहां पहले से ही इजराइल और ईरान के बीच “ऐक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस” के खिलाफ संघर्ष चल रहा है, जिसमें हिजबुल्लाह और हमास जैसे समूह शामिल हैं। हाल के दिनों में इन समूहों की कमजोरी के बाद इजराइल ने क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ाने की कोशिश की है।
अल जज़ीरा और यूरेसियन टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस संघर्ष में अत्याधुनिक सैन्य तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जो भविष्य में दोनों देशों के बीच सैन्य जुड़ाव की गतिशीलता को बदल सकता है। ईरान का F-35 विमानों को मार गिराने का दावा इजराइल की सैन्य श्रेष्ठता को चुनौती देता है और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बदलाव का संकेत देता है।
इस बीच, दोनों देशों के बीच जारी इस तनाव से वैश्विक समुदाय चिंतित है, और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता की मांगें तेज हो रही हैं। हालांकि, अभी तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है, और स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।