नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है, जहां रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान पर एक सावधानीपूर्वक planned और sophisticated ऑपरेशन को अंजाम दिया है। इस ऑपरेशन में मोसाद के कमांडो और एक धोखे की रणनीति का इस्तेमाल किया गया, जिसने हमले के समय को छिपाने में मदद की।
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर और मिलिट्री टारगेट्स पर प्रेसिजन वेपन्स का इस्तेमाल किया, जो कि कई सालों की इंटेलिजेंस कार्यों नतीजा है। यह कार्रवाई ईरान की ओर से इजरायल पर जवाबी हवाई हमलों के बाद हुई, जो कि क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा रही है।
सूत्रों की मानें तो यह conflict ईरान और इजरायल के बीच एक लंबे proxy war का हिस्सा है, जहां ईरान ग्रुप्स जैसे हिजबुल्लाह और हमास को सपोर्ट करता है, जबकि इजरायल जवाबी कार्रवाई में ईरानी न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स की हत्याएं और एयरस्ट्राइक्स करता रहा है।
यह conflict न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है, जहां दोनों देशों की कार्रवाइयों से मध्य पूर्व में स्थिरता पर गंभीर असर पड़ रहा है।