नई दिल्ली : ईरान और इजरायल के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है, जहां इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस कार्रवाई में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के खिलाफ भीषण हमले किए गए हैं, जिसकी पुष्टि खुद IRGC ने की है।
रिपोर्ट के अनुसार, मोसाद ने IRGC के खिलाफ लक्षित हमले किए, जिसमें कई वरिष्ठ कमांडरों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। IRGC ने इन हमलों की पुष्टि करते हुए कहा है कि वे और भीषण जवाबी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। इस घटनाक्रम ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है, और दोनों पक्षों के बीच सीधे सैन्य टकराव की आशंका पैदा हो गई है।
विकिपीडिया के अनुसार, 2024 में शुरू हुआ ईरान-इजरायल प्रॉक्सी संघर्ष 2025 में सीधे सैन्य टकराव में बदल गया, जहां जून 2025 में ईरान-इजरायल युद्ध की शुरुआत हुई। इस युद्ध में संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल हो गया, जिसने इस क्षेत्र में तनाव को और गहरा कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में मोसाद की ओर से ईरान में की गई कार्रवाइयों में IRGC के वरिष्ठ सदस्य सईद इजादी और बेहनम शहरीयारी की हत्या शामिल है। ये कार्रवाइयां ईरानी खुफिया सुरक्षा में एक बड़ी चूक को दर्शाती हैं। इजरायल ने ड्रोन और विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हुए इन हमलों को अंजाम दिया, जिससे ईरान की सुरक्षा व्यवस्था को गंभीर चुनौती मिली है।
इस घटनाक्रम से क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को तेज कर रहा है। हालांकि, दोनों पक्षों की ओर से जारी बयानबाजी और सैन्य तैयारियां इस संघर्ष को और लंबा खींचने का संकेत दे रही हैं।