श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को विदेश मंत्रालय से एक अहम और संवेदनशील अपील की है — ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु तत्काल हस्तक्षेप किया जाए। क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच इन छात्रों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बताई जा रही है।
अक्टूबर 2024 में जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ईरान में रह रहे छात्रों को अब तत्काल सहायता की ज़रूरत है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा स्थिति ईरान और आज़रबैजान के बीच आर्थिक समझौतों तथा अमेरिका की नई विदेश नीति — जिसमें ट्रंप प्रशासन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में मार्को रुबियो की नियुक्ति शामिल है — से प्रभावित हो सकती है।
उमर ने अपने बयान में यह भी याद दिलाया कि 2020 में कोविड संकट के दौरान भी 300 से अधिक कश्मीरी छात्रों को सरकार ने विशेष प्रयास से स्वदेश लौटाया था। उस समय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के सक्रिय हस्तक्षेप से यह संभव हो सका था।
वर्तमान में, छात्रों और उनके परिजनों के बीच गहरी चिंता व्याप्त है। उमर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस गंभीर स्थिति में मानवीय आधार पर शीघ्र और ठोस कदम उठाएगी, ताकि छात्र सुरक्षित स्वदेश लौट सकें।