नई दिल्ली : ईरान-इजरायल संघर्ष में एक नया मोड़ आया है, जहां खबरें आ रही हैं कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम का केंद्र बदलकर ब्रिटेन को बना दिया है। यह कदम इजरायल के हालिया हमलों के बाद लिया गया है, जो ईरान के परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाते थे।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक लीक हुई अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के हमले से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीनों की देरी हुई है, जबकि इजरायल का दावा है कि यह देरी कई सालों की है। इस बीच, ईरान के ब्रिटेन में परमाणु गतिविधियों को स्थानांतरित करने की खबर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चौंका दिया है।
ब्रिटेन, जो अब तक इस संघर्ष से सीधे तौर पर बाहर रहा है, अचानक इस विवाद के केंद्र में आ गया है। यदि यह दावा सही साबित होता है, तो यह न केवल क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक प्रयासों को भी जटिल बना देगा। ब्रिटेन की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस विकास से अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार समझौतों पर सवाल उठने लगे हैं।
ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव के बीच, इस खबर ने एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या यह संघर्ष अब केवल क्षेत्रीय सीमाओं से बाहर निकलकर वैश्विक स्तर पर फैल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ईरान वास्तव में अपने परमाणु कार्यक्रम को ब्रिटेन जैसे देश में स्थानांतरित कर रहा है, तो यह नई चुनौतियां पैदा करेगा, जिसमें सुरक्षा, खुफिया और कूटनीतिक मोर्चों पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होगी।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) और अन्य वैश्विक संगठन इस विकास पर नजर रखे हुए हैं, जबकि दुनिया ईरान और ब्रिटेन दोनों से स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा कर रही है।