नई दिल्ली : ताजा घटनाक्रम में, ईरान ने इजरायल पर 40 मिसाइलों से एक जोरदार पलटवार किया है, जिससे इजरायल के कई क्षेत्रों, विशेषकर तेल अवीव और हाइफा में भारी तबाही मच गई है। यह घटना क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकती है।
पृष्ठभूमि:
हाल के दिनों में मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुंचा है, जहां इजरायल और ईरान के बीच चल रहा संघर्ष नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। अमेरिका द्वारा ईरान पर सैन्य कार्रवाई करने के बाद, ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजरायल को निशाना बनाया, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता और बढ़ गई है।
मिसाइल हमले:
ईरान ने लगभग 40 बैलिस्टिक मिसाइलें इजरायल पर दागीं, जिससे तेल अवीव और हाइफा जैसे प्रमुख शहरों में व्यापक नुकसान हुआ। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, मिसाइलों के प्रभाव से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, और आइंस्टीन स्ट्रीट जैसे क्षेत्रों में दुकानों और आवासीय परिसरों को गंभीर नुकसान पहुंचा। स्थानीय मीडिया के अनुसार, मिसाइलों के गिरने से 300 मीटर तक के क्षेत्र में तबाही फैल गई, जहां शीशे टूटे और इमारतें ढह गईं।
इजरायल की प्रतिक्रिया:
इजरायल ने दावा किया है कि उसने अधिकांश मिसाइलों को हवा में ही रोक लिया, लेकिन कुछ मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंचने में सफल रहीं। इजरायली अधिकारियों ने इस हमले को “ईरान की आक्रामकता” करार दिया और चेतावनी दी कि वे उचित जवाबी कार्रवाई करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं:
- अमेरिका ने ईरान के हमले की निंदा की है और इजरायल को समर्थन देने की बात कही है।
- संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक नेता इस घटना को लेकर चिंता जता रहे हैं, इस डर से कि यह क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है।
- रूस और चीन जैसे देशों ने भी स्थिति पर नजर रखने की बात कही है, जबकि तुर्की और सऊदी अरब जैसे क्षेत्रीय खिलाड़ी मध्यस्थता की भूमिका निभाने की संभावना तलाश रहे हैं।
आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव:
- इस घटना से तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका है, क्योंकि मध्य पूर्व में अस्थिरता वैश्विक ऊर्जा बाजार को प्रभावित कर सकती है।
- राजनीतिक रूप से, इस संघर्ष से अमेरिका और उसके सहयोगियों के बीच संबंधों पर असर पड़ सकता है, विशेषकर ट्रंप प्रशासन की विदेश नीति के संदर्भ में।
- ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव क्षेत्रीय शांति प्रक्रिया को और जटिल बना रहा है।
ईरान के मिसाइल हमले से इजरायल में भारी तबाही हुई है, और यह घटना मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा सकती है। जबकि इजरायल और उसके सहयोगी जवाबी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस डर से चिंतित है कि यह संघर्ष एक बड़े पैमाने पर युद्ध में बदल सकता है। स्थिति पर नजर रखना जारी है, क्योंकि इस क्षेत्र में हर कदम का वैश्विक परिणाम हो सकता है।