दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू परिवार को एक अहम कानूनी झटका लगा है। IRCTC होटल टेंडर और लैंड फॉर जॉब से जुड़े चर्चित मामलों में अदालत ने राबड़ी देवी (Rabri Devi Petition) की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने CBI और ED द्वारा दर्ज मामलों को एक जज से दूसरे जज के पास ट्रांसफर करने की मांग की थी। इस फैसले के साथ ही साफ हो गया है कि अब इन मामलों की सुनवाई उसी अदालत और उसी न्यायाधीश के समक्ष जारी रहेगी, जहां अब तक कार्यवाही होती रही है।
राबड़ी देवी ने अपने आवेदन में खुद के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के खिलाफ दर्ज कुल चार मामलों को ट्रांसफर करने की अपील की थी। उनकी ओर से दलील दी गई थी कि मौजूदा अदालत में निष्पक्ष सुनवाई को लेकर भरोसा कमजोर हुआ है और अब तक की कार्यवाही से पक्षपात की आशंका झलकती है। इसी आधार पर उन्होंने जज विशाल गोगने से मामलों को हटाकर किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपने की मांग की थी।
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हालांकि अदालत ने इन तर्कों को स्वीकार नहीं किया। कोर्ट का रुख इस पूरे मामले में बेहद स्पष्ट रहा कि केवल आशंका या आरोप के आधार पर न्यायिक प्रक्रिया को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। इससे पहले गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था और अब याचिका खारिज कर दिए जाने के साथ यह साफ हो गया है कि राबड़ी देवी को इस मोर्चे पर राहत नहीं मिलने वाली है।
IRCTC होटल टेंडर और लैंड फॉर जॉब केस पहले से ही राजनीतिक और कानूनी हलकों में सुर्खियों में हैं। इन मामलों में लालू प्रसाद यादव के परिवार पर आरोप है कि रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन ली गई और IRCTC से जुड़े टेंडर में कथित अनियमितताएं हुईं। CBI और ED की जांच लंबे समय से चल रही है और अदालत के इस फैसले के बाद जांच एजेंसियों का मनोबल भी मजबूत माना जा रहा है।






















