वॉशिंगटन: यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े युद्ध भले ही दो देशों का आपसी मामला दिख रहा हो परंतु इस युद्ध् में साफ तौर पर अमेरिका और यूरोप की सहभागिता नजर आ रही है। यूएस स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) ने अपनी रिपोर्ट में दुनिया के बड़े हिस्से के इस समय एक युद्ध में शामिल होने की बात कही है। CSIS का कहना है कि रूस ने अमेरिका और यूरोप के खिलाफ शैडो वॉर छेड़ रखा है। बताया जा रहा रूस, अमेरिका और यूरोप के खिलाफ साइबर हमले, तोड़फोड़ और जासूसी कर रहा है। इसका मकसद यूक्रेन को पश्चिमी देशों से मिलने वाली मदद को कमजोर करना है। CSIS के इस दावे के बाद सवाल ये उठता है कि क्या दुनिया का बड़ा हिस्सा तीसरे विश्व युद्ध में उलझा है।
बता दे इसमें एक तरफ सीधा युद्ध तो दूसरी ओर शैडो वॉर है, जिसका जिक्र CSIS ने की है। नाटो सहयोगी के लिए खतरे की घंटी सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के मुताबिक, रूस का शैडो वॉर नाटो सहयोगियों और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है। रूस ऊर्जा ग्रिड और परिवहन नेटवर्क जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहा है। इससे उत्तरी अमेरिका से जुड़े सिस्टम खतरे में आ सकते हैं। CSIS का कहना है कि कोजी बीयर जैसे समूहों ने अमेरिकी एजेंसियों पर साइबर हमले किए हैं। इसका असर कनाडा के संस्थानों पर भी पड़ सकता है। कनाडा यूक्रेन को सैन्य सहायता दे रहा है। ऐसे में कनाडा को भी साइबर हमलों का सामना करना पड़ सकता है। ये हमले कनाडा के चुनावों या बुनियादी ढांचे को निशाना बना सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया समय में यूरोप में सैन्य ठिकानों पर धमाके, सरकारी ईमेल हैक और समुद्र के नीचे के केबल काटने जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। खासतौर से 2022 (यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद) से यूरोप में ऐसे हमले तीन गुना बढ़ गए हैं। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि रूस के ये कदम यूक्रेन के सहयोगियों को डराने के लिए हैं। ऐसे में अगर यूक्रेन में रूस मजबूत होता है तो ये स्थिति और खराब हो सकती है। रूस हाइब्रिड युद्ध के तरीकों का इस्तेमाल कर सकता है। इसमें कनाडा जैसे देशों में हस्तक्षेप करना शामिल है। यूक्रेन के लिए अमेरिकी सैन्य सहायता में कटौती की गई है। इससे ट्रांस अटलांटिक गठबंधन पर दबाव बढ़ रहा है और रूस के हमलों का जवाब देने में मुश्किलें आ रही हैं। रिपोर्ट में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर भी चिंता जताई गई है। ट्रंप के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अच्छे संबंधों की चाहत से यूक्रेन को समर्थन घटेगा।